चन्दौली लोकसभा चुनाव : पाला बदला पर नहीं बदला मतदाताओं का मिजाज…

मनोहर कुमार
Chandauli : लोक सभा चुनाव (loksabha election 2024) को लेकर राजनीतिक ताना बाना बुना जा रहा है. राजनीतिक दल अपने तैयारियों को पंख देने में लगे हैं. मौसम की मिजाज की तरह राजनीतिक का मिजाज भी बदला हुआ है. राजनीतिक इतिहास की धरती धान का कटोरा अनेक रिकार्ड को लेकर भरा हुआ है. यहां ऐसे ऐसे राजनीतिक रिकार्ड बने हैं. जिसका टूटना मुश्किल है. राजनीति उलट पलट का खेल हो गया है. दो पूर्व सांसद दल बदल कर चुनाव लड़े. लेकिन मतदाता उन्हें नकार दिए.
लोकसभा चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है. लेकिन राजनीतिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं. चंदौली संसदीय क्षेत्र में प्रमुख दल के उम्मीदवार घोषित हैं. वहीं इस संसदीय क्षेत्र में कई पिछले मुकाबले रोचक रहे हैं. तो रिकार्ड ऐसे बने हैं. जिनको तोड़ पाना आसान नहीं हैं. राजनीति का किरदार कुछ अलग कहानी कहता हैं. भाजपा से लगातर चार लोकसभा चुनाव लड़ने और तीन बार जीत दर्ज करने वाले आनंद रत्न मौर्य (anand ratn maurya) का रिकार्ड है. चंदौली लोकसभा से लगातार तीन बार भाजपा के टिकट पर सांसद रहे.
1999 के लोकसभा चुनाव में लगातार चौथी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लेकिन सपा के जवाहर लाल जायसवाल (jwahar lal jaiswal) से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने साईकिल की सवारी की. पाँचवी बार 2004 का लोकसभा चुना लड़ा. लेकिन उन्हे बहुजन समाज पार्टी के कैलाश नाथ सिंह यादव (kailash nath singh yadav) ने हरा दिया. वहीं पूर्व सांसद जवाहर लाल जायसवाल पहली बार 1991 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इसके बाद वह समाजवादी पार्टी से दो बार चुनाव लड़े. 1999 के चुनाव में सपा के जवाहर लाल जायसवाल ने लोकसभा चुनाव में लगातार चौथी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले आनंद रत्न मौर्य को हराया था.
2009 के लोकसभा चुनाव में जवाहर लाल जायसवाल ने भाजपा का दामन था. एक बार फिर इस सीट से भाजपा के प्रत्यासी के तौर पर मैदान में उतरे थे. लेकिन समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े रामकिशुन यादव (ramkishun yadav) ने इस चुनाव में जीत दर्ज की थी. यह दिलचस्प था कि दोनों ही पूर्व सांसद समय समय पर पाला बदला और चुनाव लड़ा. लेकिन मतदाताओं ने नकार दिया.