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Ghazipur news: गाजीपुर जिले में फर्जी पत्रकारो की भरमार

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पत्रकारिता के नाम पर पूरे देश में एक लचर व्यवस्था कायम हो गई है जिसका खमियाजा आम जनता के साथ शासन -प्रशासन को भी भुगताना पड़ रहा है।वह निर्णय नही ले पा रहे है कि वास्तविक पत्रकारिता और दिखावटी पत्रकारिता में अंतर क्या है?
जी हां इन दिनों जिले में फर्जी पत्रकारों की भरमार कुछ ज्यादा ही हो गई है।उनके कारनामों से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया इन दिनों तार-तार होता जा रहा है।इनका काम है रोज सुबह बैग टांगे निकल जाते है जैसे किसी बड़े लाइव कवरेज में जा रहे है यह तथाकथित पत्रकार लोगों को बड़े-बड़े बोल बच्चन देते है।सूत्रों से मिली जानकारी के हवाले से इसमें हैरानी का विषय यह है कि अपने आप को स्वंयभू पत्रकार घोषित करने वालो को सही से हिन्दी तक लिखना नही आता है जो इन पत्रकारों की शैक्षिणकता पर ही प्रश्न चिन्ह नही बल्कि इनकी कार्यशैली भी संदेह के घेरे में रहती है।वर्तमान स्थिति यह हो गई है कि नॉन -प्रोफशनल फर्जी पत्रकारों ने जनता और प्रशासनिक अधिकारियों को इस तरह से भ्रमित कर दिया है कि वह सही और गलत का अनुमान नही लगा पा रहे है।उन्हें इस बात का अंदाजा भी नही की वह इन फर्जी पत्रकारों के भ्रमजाल में फसता जा रहा है। जिले में कोई भी अछूता नही है जिन्हें इन फर्जी पत्रकारों ने ब्लेकमेल नही किया हो।
इनकी हनक से लोग इनके पैर पड़ने को तैयार हो जाते हैं। पत्रकारिता को यह अवैध कमाई का जरिया बना चुके है।सीधे सीधे पत्रकारिता को इनके द्वारा बदनाम किया जा रहा है। जिसके कारण वास्तविक पत्रकार बदनाम हो रहे है।अपने को पत्रकार कहने वाले यह लोग अपना भौकाल बनाने के लिए ज्यादातर यह अपना शिकार ग्राम प्रधानो कोटेदारो , मिठाई के दुकानदारों,सफाई कर्मचारियों ग्रामीण इलाको में छोटे कर्मचारीओ को बनाते है।जांच का डर दिखाकर इन्है ब्लेकमेल करते है इनसे मोटी रकम एठते है।
कहा तो ये भी जाता हैं कि पत्रकारिता की आड़ में यह लोग अधिकारियों को भी गुमराह करते है तथा पत्रकारिता के सम्मान जनक पेशे को बदनाम करने में लगे हैं।

लोगों को डरा धमकाकर अवैध वसूली कर रहे यह लोग पत्रकारिता के स्तर को गिराने में लगे हुए है जिसका खमियाजा सही और प्रोफेशनल पत्रकार भुगत रहे है इनकी हरकतो से उन्हे शर्मिन्दगी झेलनी पङती है।
अगर समय रहते इनकी रोकथाम के लिए कुछ नही किया गया तो यह समाज के लिए अभिशाप बन जायेंगें
अब देखना यह है कि इस तरह के फर्जी पत्रकारों के जमावड़े के रोकथाम के लिए डीएम आर्यका अखौरी क्या करती है।

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