पीडीडीयूनगर। मानव उत्थान सेवा समिति श्री हंस सत्संग मंदिर के तत्वाधान में मुगलसराय जीटी रोड स्थित शुभम लाना में सद्भावना संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें दूरदराज से पधारे मानव धर्म के प्रणेता सदगुरुदेव श्री सतपालजी महाराज के शिष्य महात्मा बाईगण ने रामायण, गीता, बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहिब, कुरान आदि धर्म ग्रंथों पर आधारित आत्मकल्याणकारी सत्संग विचार व भजन रखा। इस मौके पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए महात्मा रामअलबेला नंद ने कहा कि निर्गुण ब्रह्म के ध्यान के साथ-साथ सगुण ब्रह्म स्वरूप सद्गुरु महाराज की सेवा से ही शिष्य का कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि ट्रेन की जो बोगी इंजन से लगी रहती है, वही गन्तव्य स्थान पर पहुंचती है। जो बोगी इंजन से अलग हो जाती है, वह रास्ते में ही रह जाती है। उसी प्रकार जो शिष्य गुरू-दरबार से अपने सद्गुरु के जरिए जुड़ा रहता है, वही परमधाम को जाता है। महात्मा सारथानंद एवं महात्मा रंजना आनंद ने कहा कि महापुरुष जन्म से ही दिव्य होते हैं। उनकी दिव्यता उनके सद्कर्मो से झलकती है। आज सद्गुरु सतपालजी महाराज अपने सम्पूर्ण परिवार सहित आत्मज्ञान के प्रचार से जन जागरण द्वारा उज्जवल भारत के निर्माण में संलग्न हैं। महात्मा सौम्या बाई एवं ज्ञानवती बाई ने भी सत्संग द्वारा प्रेमी-भक्तों को ध्यान-भजन तथा सेवा करने की प्रेरणा दी। वही वाराणसी से आई भजन कलाकार मधु जायसवाल एवं रामभरोस यादव के भजन पर प्रेमी-भक्तों ने अति उमंग के साथ नृत्य का आनन्द लिया। सम्मेलन में मुख्य रूप से संजय पाल, रामकिशुन यादव, सत्यनारायण यादव, दशरथ यादव, मनोज कुमार, शिवधनी यादव, बचाऊ बिंद, श्यामली यादव आदि लोग मौजूद थे।