नौगढ। धान क्रय केन्द्रों पर हाईब्रिड धान की खरीद नहीं किए जाने से किसानों में काफी रोष ब्याप्त है।
इस बारे में बताया जाता है कि जनपद के दूरस्थ व सबसे पिछड़े हुए पर्वतीय वनांचल क्षेत्र की खेती भगवान भरोसे आधारित है। जहाँ पर सिंचाई की समुचित सुविधा का अभाव होने से किसानो को कम अवधि के धान की खेती करना पड़ता है।
जिस उपज को शासन द्वारा निर्धारित दर पर नहीं खरीदे जाने से किसानो को मजबूरन अपनी उपज को दलालो बिचौलियों के हाथो औने पौने दामो पर बेचना पड़ रहा है।
क्षेत्र में संचालित आधा दर्जन क्रय केन्द्र प्रभारियो का कहना है कि जिन जिन मिलरो को विभाग द्वारा धान की कुटाई करके सरकारी गोदाम में चावल दिए जाने के लिए पंजीकृत किया गया है। वे मिलर सिर्फ मंसूरी धान की ही डिमांड कर रहे हैं। जिस से अन्य प्रजाती के धानो की खरीद प्रतिबंधित रखा गया है।
वही किसानो का कहना है कि जनपद के अन्य क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा बहाल होने से वहां के किसान तो मंसूरी धान की पैदावार तो कर सकते हैं। साथ ही अन्य विभागो से लाभार्थियो को लाभ देने में जनपद में चट्टानी व पठारी क्षेत्र दो तरह की सुविधाएं देय होती है।
जबकि क्षेत्र में हाईब्रिड धान की खेती को बढावा देने के लिए कृषि विभाग भी गोष्ठी करके प्रचार प्रसार करके सब्सिडी भी देय होती है उसके बाद भी उपज की खरीद नहीं की जा रही हैं।