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नजरबंद के दौरान किसान नेता केदार यादव ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार में किसान ही नहीं बल्कि आम जनमानस पूरी तरह त्रस्त हो चुका है। किसान के खिलाफ केंद्र सरकार तीनों काले कानून लाकर किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। जबकि किसान महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर इसके खिलाफ आंदोलनरत है। लेकिन किसानों की एक भी नहीं सुनी जा रही है। बल्कि किसानों को पूजी पतियों के हाथों बेचने को मजबूर कर रही है। किसानों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। स्वतंत्र भारत में भी किसान,नौजवान, मजदूर, व्यापारी अपने आप को घुटन महसूस कर रहे हैं। नोटबंदी जीएसटी के बाद कोरोना काल , महंगाई से लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो चुके हैं। चेताया कि देश का अन्नदाता पर अत्याचार किया जा रहा है। लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा। किसान अपने आप पर उतर जाएगा तो सरकार को बैकफुट पर आना पड़ेगा। इस मौके पर पूर्व प्रधान श्याम बिहारी प्रधान, प्रतिनिधि मुलायम यादव, विकास यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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