जौनपुर| केराकत क्षेत्र के ग्राम सरोज बडेवर निवासी सहादुर निषाद को मछली मारते समय शुक्रवार को प्रातः लगभग छः बजे महादेवा गोमती घाट पर जाल में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा फंस गयी, मछली समझकर जब मछुआरों ने जाल को बाहर खिंचा तो मां दुर्गा की प्रतिमा देख सबकी बांछे खिल गयी, अब ग्रामीणों के साथ मिलकर मछुआरे लोग मूर्ति स्थापना के लिए मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है।
दहाड़ते हुए शेर पर बैठी दुर्गा मां की प्रतिमा में दस हाथ है, एक हाथ में गदा, दूसरे हाथ में शंख, तीसरे में धनुष, चौथे में त्रिशुल, पांचवें में कलश, छठें में चक्र, सातवें में तलवार, आठवें में तीर, नौवें में कटारी और दसवां हाथ आशीर्वाद देने के लिए उठा है। गांव के लोगों ने बताया कि यह मूर्ति अष्टधातु की है और एक हजार साल पुरानी लग रही है। मूर्ति मिलने के बाद गांव के लोग हर्षित है। गौरतलब है कि कुसरना ग्राम सभा के महादेवा घाट पर जिस जगह माता रानी की प्रतिमा नदी में मछुआरों को मिली है वहाँ के घाट अति प्राचित किसी राजवंश के राजा के महल का अवशेष का होना भी ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है, वही कुछ ग्रामीणों का कहना है कि उक्त माता रानी की प्रतिमा का सम्बन्ध राजा जी के महल से भी हो सकता है।