देहरादून:- उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूट गया। इसके बाद धौलीगंगा नदी में जल स्तर अचानक बढ़ गया। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि आपदा में 100 से 150 लोगों के मारे जाने की आशंका है। चमोली के तपोवन इलाके में स्थित एनटीपीसी के प्लांट से 3 शव मिले हैं। यहीं ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचा है। यहां काम करने वाले कई मजदूर लापता हैं। नदी के किनारे बसे कई घर पानी में बह गए हैं। आसपास के गांवों को खाली कराया जा रहा है। ऋषिगंगा के अलावा एनटीपीसी के भी एक प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है। तपोवन बैराज, श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।




क्या होगा पूर्वांचल पर प्रभाव
उत्तराखंड में जोशीमठ बांध टूटने से गंगा नदी में सावन-भादौ के महीने की तरह बाढ़ की संभावना व्यक्त की जा रही है। अगले 5-6 दिनों के भीतर अलकनन्दा नदी का पानी गंगा नदी के जरिए यूपी के प्रयागराज तक आने की संभावना से प्रयागराज के संगम-तट पर चल रहा माघ-माह का मेला प्रभावित हो सकता है। प्रयागराज जिला प्रशासन ने रविवार, 7/2 की शाम इस संबन्ध में रणनीति बनाने के लिए आपात बैठक बुलाई है।
बांध टूटने की खबर से यूपी का सिंचाई विभाग जगह जगह एलर्ट हो गया है। यहां बाढ़ सागर संगठन तथा बेलन नहर प्रखंड के अधिशासी अभियन्ता श्री सुरेश कुमार यादव ने जानकारी के क्रम में सिर्फ इतना कहा कि डैम का पानी अंतत: गंगा में आएगा। मिर्जापुर तथा वाराणसी में जल-स्तर बढ़ेगा। पानी की गति को देखते हुए 5-6 दिन के आसपास यूपी में इसका असर दिखाई पड़ने लगेगा।
बहरहाल डैम टूटने के बाद उत्तराखंड में पानी की गति भयावह यह दिखी कि रास्ते में हाई-वे का पुल भी बह गया है।