गाजीपुर। गाजीपुर जिले में लगातार जिला अधिकारी व बीएसए द्वारा भ्रष्ट व लापरवाह लोगों पर कार्रवाई हो रही है गाजीपुर जिले में अवैध अस्पताल,क्लीनिक की भरमार है इन अस्पताल और क्लीनिक के वजह से कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं कई महिलाओं व बच्चों की मृत्यु हो चुकी है साथ ही साथ परीक्षा के दौरान विद्यालय में कई मुन्नाभाई पकड़े गए मुकदमा दर्ज हुआ आखिरकार किन भ्रष्ट लोगों की शह पर विद्यालयों में यह काम चल रहा है कुछ शिक्षकों का अनियमित कार्य व लापरवाही की वजह से कई बार शिक्षकों पर पूर्व में कार्यवाही भी हो चुकी है इससे साफ जाहिर होता है की विद्यालयों में शिक्षक कहीं ना कहीं बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं व बच्चों से विद्यालय में झाड़ू लगवाने से लेकर बर्तन घुलाने तक का मामला सोशल मीडिया में और अखबारों के माध्यम से काफी चर्चित रहा है जब एक पत्रकार द्वारा किसी विद्यालय के भ्रष्ट कर्मचारियों की पोल खोलने की खबर लगातार पत्रकार द्वारा चलाई गई और जब सच्चाई समाज के सामने आने लगी और अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेना शुरू किया तो पत्रकार को ही ब्लैकमेलर बना दिया गया
आइए जानते हैं पूरा मामला:- सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकार अमित उपाध्याय को सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा छवि को धूमिल करने का कार्य किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर bhadas4media पोर्टल के पोर्टल संपादक कहे जाने वाले तथाकथित व्यक्ति ने पत्रकार अमित उपाध्याय को ब्लैकमेलर बना दिया है।
पत्रकार अमित उपाध्याय ने बताया कि पिछले दिनों लागातार करंडा के कुछ शिक्षको से लेकर बीईओ की खबर प्रकाशित किया गया जिसको लेकर पहले मेरे पर कुछ लोगों द्वारा दबाव बनाया गया,फिर बीआरसी पर कुछ शिक्षको द्वारा भद्दी भद्दी गालियां दी गई, मारने की धमकी भी दी गई है और उन लोगों द्वारा मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखवाने की बात कही गई वहां मौजूद एक लोगो ने फोन से पूरे मामला को बताया।
उन्होंने बताया कि कभी भी मेरे साथ अप्रिय घटना घटित हो सकती है,आज bhadas4media पोर्टल के पोर्टल संपादक कहे जाने वाले तथाकथित व्यक्ति ने मुझे फेसबुक और bhadas4media न्यूज पोर्टल पर मुझे आधार विहीन ब्लैकमेलर का आरोप लगाया गया है जिससे मेरे मान सम्मान पर बहुत ठेस पहुंची है और मानसिक उत्पीड़न झेल रहा हूं।
पत्रकार अमित उपाध्याय ने बताया कि करंडा के जिन अध्यापकों की लागातार खबरें प्रकाशित हो रही थी उनमें से एक अध्यापक इनका भतीजा लगता है, इन्हें विद्यालय में पढ़ने वाले गरीब बच्चों की परवाह तो नहीं है परंतु शिक्षक भतीजे को बचाने में पूरी तरह कोशिश कर रहे हैं।
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