भांवरकोल। लोकधुनों पर छठी मैया के गूंज रहे गीतों के बीच लोकआस्था एवं सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ पर तीन दिवसीय व्रत के बाद महिलाओं ने अस्तलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर डाला छठ का प्रथम सोपान पुरा किया। जबकि शुक्रवार को उगते सूर्य को देखते सूर्य को अर्घ्य देकर ब़ती महिलाएं इस महापर्व का समापन करेंगी। पहली बार ब़त करने वाली महिलाओं ने गाजे बाजे के साथ कोसी भरकर इस इस पवऀ की शुरुआत की। ज्ञात हो कि भगवान भास्कर धरती के प़त्यक्ष देवता हैं। उनकी अराधना, पूजा से जीव को ज्ञान, विज्ञान एवं मोक्ष प्राप्त होता है। रंग-बिरंगे परिधानों में सजीं ब़ती महिलाओं एवं युवतियां घर से घाट तक जाने वाली सड़कों पर जगमग रंग बिरंगी रोशनी के बीच ,कांच ही बांस की दउरिया, बंहगईं लचकती जाए आदि छठ के परम्परागत गीतों माथे पर दौरा रख गंगा घाटों तथा सरोवरों पर पहुंचकर अस्तलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। साथ ही पुत्र की कामना तथा दिघाऀयु एवं परिवार के सुख- स्मृद्धि की पा़र्थना की। क्षेत्र के बिभिन्न गंगा घाटों एवं सरोवरों पर नदियों के जल के बीच आस्था हिलोरें ले रही थी। सरोवर पवित्रता का एहसास कर रहे थे। लोकआस्था के इस महापवऀ पर मानों आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। वहीं सुरक्षा के लिए से क्षेत्र के गंगा घाटों शेरपुर, वीरपुर सेमरा, पलिया, लोहारपुर एवं अन्य गांवों के सार्वजनिक सरोवरों पर महिलाएं एवं पुरुष कांस्टेबलों की तैनाती की गई थी । सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही। थानाध्यक्ष विवेक कुमार तिवारी सदल- बल विभिन्न गंगा घाटों एवं गांवों में बने सार्वजनिक पोखरों तथा सरोवरों पर चक़मण करते दिखे।
Ghazipur news: भांवरकोल डाला छठ पर गंगा घाटों एवं सरोवरों पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब
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