क्षेत्र के सैदपूरा गांव में 2008 से ही चकबंदी की प्रक्रिया की जा रही है। इस गांव में आधा दर्जन गांव के काश्तकारों की जमीन है। चकबंदी में अधिकारियों की मिलीभगत के कारण मूल नंबर को उड़ान चक और रिंग रोड के किनारे की जमीन को आउटर में फेंक दिया जा रहा है। जिसको लेकर किसानों ने मुकदमा भी कर रखी है। जिसका फैसला कोरोना का के कारण अभी तक नहीं हो पाया है। यही नहीं एसओसी,डीएम,एडीएम , मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की जा चुकी है। लेकिन चकबंदी विभाग के कर्मचारियों की मनमानी इस कदर काश्तकारों पर भारी पड़ रही है कि बिना किसी नोटिस और सूचना के पिछले दिनों चक काटने चले आए। लेकिन काश्तकारों के विरोध के पास उल्टे पांव भाग खड़े हुए। एक बार फिर गांव में चक काटने के फिराक में है ।इसके खिलाफ शनिवार को गांव में काश्तकारों ने जमकर हंगामा प्रदर्शन किया। चेताया कि यह मनमानी नहीं रुकी तो हम लोग इसका जमकर विरोध और उग्र आंदोलन करेंगे।प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से पूर्व प्रधान बाबूलाल, प्रभु नारायण,राम लखन, कमलेश,मनोज चौहान, आनंद कुमार, लक्ष्मी ,सिपाही ,संतरा देवी,तारा देवी,सावित्री देवी, गीता देवी, धनरी देवी आदि मौजूद रहे।
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