दिलदारनगर। अघोर सेवा मंडल गिरनार आश्रम के संस्थापक अवधूत सिंह शावक राम बाबा का महानिर्वाण दिवस रविवार को आश्रम के सभागार कक्ष में पुष्पांजलि समारोह के रूप में धूमधाम के साथ मनाया गया।कार्यक्रम की शुरुआत बाबा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर किया गया।दूर दराज से पहुँचे साधु संतों और श्रद्धालुओं को प्रसाद ग्रहण कराया गया।अतिथियों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।बाबा के समाधि स्थल व मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन किया।
पुष्पांजलि समारोह के मुख्य अतिथि सहजानंद महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य मांधाता राय ने कहा कि भारतीय धर्म साधना में तीन मार्ग ज्ञान ,धर्म व उपासना है।समाज का भला संतो ने ही किया है।संत लोग चमत्कार नहीं दिखाते समय आने पर देश व समाज के लिए शक्ति का उपयोग करते है।अवधूत भगवान राम बहुत ही तेजस्वी संत हुए कुष्ट रोगियों की सेवा जैसा पुनीत कार्य बाबा ने किया।इन्हें के शिष्य बाबा सिंह शावक राम बाबा थे जो अपने गुरु के आदर्शों पर चलकर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अघोर सेवा मंडल की स्थापना की।ज्ञान मार्ग की परंपरा में अघोर परंपरा जुड़ती है।इस संस्था में दिन हीन उपेक्षित लोगों को सम्मान मिलता है।विषमता को मिटा कर समता का भाव लाना संतो ने यही संदेश दिया है।अध्यक्षता कर रहे सुहवल इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य ओमकार सिंह ने कहा कि अघोर पंथ के सबसे बड़े संत बाबा कीनाराम हुए।यह पंथ सर्व समाज का होता है।अघोर संतो में इतनी ताकत होती है कि वह जो चाहे वह कर देते है।आश्रम के साधु ओम राम जी ने कहा कि जिस संत का हम लोग आज निर्वाण दिवस मना रहे है वह कण कण में विराजमान है।बाबा के बताए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।।राम रूपी विचारों को ग्रहण करें व रावण रूपी विचारों का परित्याग करें।इस मौके पर आश्रम के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह सचिव अरविन्द सिंह,ओम राम, रणजीत सिंह,विजेंद्र सिंह,नंद कुमार सिंह,पारस सिंह,राजेंद्र, रिशु यादव,गायक रजनीकांत यादव,रामनगीना सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।संचालन आचार्य चंद्रभूषण शुक्ला ने किया।
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