चन्दौली:- प्रदेश के निजी आईटीआई के प्रधानाचार्य अनुदेशक समेत हजारों कर्मचारियों के समक्ष रोजी रोटी के लाले पड़ गए है। उत्तर-प्रदेश प्राइवेट आईटीआई प्रधानाचार्य अनुदेशक समन्वय समिति के प्रदेश संयोजक सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने गत दिनों शासन प्रशासन से समाचार पत्रों के माध्यम से अविलंब भुगतान करने की मांग की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ने निदेशक प्रशिक्षण सेवायोजन को पत्र भेजकर त्वरित समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की हेतु निर्देशित किया था, जो ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। महज अधिकारियों के द्वारा खाना पूर्ति किया जा रहा है।
शासन से आदेश के बाद संयुक्त निदेशक वाराणसी भगवत दयाल ने नोडल प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। भुगतान कैसे होगा। इस पर कोई अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं हैं। राजकीय आईटीआई के नोडल प्रधानाचार्य मूकदर्शक बने हुए हैं। अब तक नोडल प्रधानाचार्य की ओर से निजी आईटीआई के प्रबंधकों को भुगतान के लिए कोई पत्र जारी नही किया गया है। आदेेश को गोलमाल तरीके से लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि निजी आईटीआई कॉलेज यदि छात्रों से फीस ले रहे हैं तो शिक्षकों कर्मचारियों को नियमित वेतन का भुगतान करे। जबकि आईटीआई में दाखिला के समय ही वार्षिक फीस जमा करा लिया जाता है। उसी फीस की रसीद के आधार पर छात्रों द्वारा छात्रवृत्ति भरी जाती हैं। क्या छात्रवृत्ति बिना फीस के आईटीआई संस्थानों द्वारा भरवाकर लाखों का घोटाला किया जा रहा है। इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। समन्वय समिति ने अविलंब भुगतान की मांग शासन प्रशासन से की है।