रमाकान्त यादव की रिपोर्ट..
जिले के भदोही थाना क्षेत्र के नगुवा गांव में रहने वालेपीड़ित परिवार के परिजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
भदोही । बीते मंगलवार दिनांक 9 मार्च को साहब लाल के साथ हुआ प्राण घातीय हमले में आज उनका इलाज वाराणसी के ट्रामा सेंटर में चल रहा है । आपको ज्ञातव्य हो की साहब लाल पुत्र लल्लन यादव ग्राम निवासी नगुआ तहसील,थाना भदोही के रहने वाले 9 मार्च को सुबह करीब समय 5 बजे अपने गांव के पाहि पर गए जहाँ वह 60 साल पहले से बसे हुए है । इनको गाव के ही कुछ मनबढ़ दबंग लोगों ने इतनी बुरी तरह से मारकर चोटिल कर दिए है कि साहबलाल की दोनों हाथ व पैर की हड्डी पूरी तरह से टूट चुका है और कमर की भी हड्डी टूट चुका है तथा छाती पर भी बहुत गहरा चोट आई है । यह प्राणघाती हमला करने वाले विजय बहादुर पुत्र रामदुलार, प्रेम बहादुर पुत्र रामदुलार, गोरख उर्फ रामसूचित पुत्र स्व. बोडई राम,राजेन्द्र प्रसाद पुत्र शोभनाथ इन चारों ने मिलकर साहबलाल को इतनी बुरी तरह से जख्मी कर दिए है कि आप का रूह कांप जाएगा ।
साहबलाल अपने घर से 300 मीटर की दूरी पाहि पर पहुँचे तो वहाँ मौजूद 4 लोग राड डंडे से साहबलाल के ऊपर टूट पड़े और साहबलाल को अधमरा करके छोड़ कर भाग निकले मौके पर थाना भदोही के कोतवाल एवम पुलिस की टीम पहुचे साहबलाल को एम्बुलेंस के द्वारा महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में भेजा गया जब वहा हालत बिगडने लगी तो आनन फानन में साहबलाल को ट्रामा सेंटर बनारस के लिए रेफर किया गया था।
यह घटना इसलिए हुआ कि आज से ठीक 2 साल पहले राधेश्याम यादव की हत्या निर्मम तरीके से की गई थी जिसमे यह हमला करने वाले चारो आरोपित मुकदमा 302 जो को राधेश्याम को रात में कुल्हाड़ी से काट दिया गया था लेकिन पुलिस प्रसाशन कि हीलाहवाली से यह सभी आरोपियों के ऊपर बस मामूली सा धाराओं को 147, 323,504,507,427 दिखाकर मामले को दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया ।
साहबलाल जी राधेश्याम हत्याकांड के मुख्य गवाह के रूप में थे जिनको आये दिन लगातार धमकी मिल रहा था लेकिन साहबलाल अपने निडर व्यक्तित्व होने के नाते इन सब से बिना डर के अपने परिवार में रहकर गवाही देना मुनासिफ समझा और अपने काम मे व्यस्त थे । लेकिन उन चार आरोपियों ने साहब लाल को भी मौत के घाट उतारने का माध्यम बनाया और टूट पड़े पुरानी रंजिश को दबाने के लिए हालांकि साहब लाल को ऐसी घटना हो सकती उनके साथ यह पहले से अंदेशा था जिसकी तहरीर थाना भदोही में उन्होंने अवगत कराया था ।
घटना घटित होने पर जब साहब लाल के पुत्र शेरबहादुर ने कोतवाल भदोही से गुहार लगाई की मेरे परिवार को न्याय मिले तो थाना प्रभारी भदोही ने अनदेखा करते हुए टालने के प्रयास किया बड़ी मुश्किल से एफ आई आर दर्ज किया था । जैसा कि हम बता दे राधेश्याम हत्या कांड में कुल चार गवाह है अगर ऐसी घटना साहबलाल के साथ हो सकता है तो बाकी 3 लोग भी डर गए है । इधर साहबलाल के पुत्र शेरबहादुर अपने पिता पर हुई घटना के न्याय के लगातार प्रशासन के चक्कर काट रहे है । पीड़ित परिवार चाहता है कि उन्हें न्याय मिले लेकिन पुलिस प्रशासन लापरवाही बरत रही है पुलिस की लापरवाही को देखते हुए पीड़ित परिवारों ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा और न्याय की मांग की .