Tuesday, March 28, 2023
आज ख़ासगंगा तट पर उमडा़ आस्था का जनसैलाब,श्रद्धालुओं ने लगाई डूबकी

गंगा तट पर उमडा़ आस्था का जनसैलाब,श्रद्धालुओं ने लगाई डूबकी

Adarsh Dubey
Adarsh Dubey
मै, वाराणसी(चन्दौली) से प्रकाशित अखबार व न्युज पोर्टल VC KHABAR का जिला मिर्जापुर का चीफ ब्युरो हुं, साथ मे मानवाधिकार परिषद् का अध्यक्ष(राजगढ़,मीरजापुर) भी हुं वर्तमान पढा़ई D.Pharm(Homeopath) द्वितीय वर्ष व HMLT प्रथम वर्ष। HRC मेडिकल एकेडमी का हेड भी हुं जिसमे हर प्रकार के मेडिकल कोर्स हमारे पास उपलब्ध है,स्टुडेंट मनपसंद कोर्स हमारे एकेडमी से जुड़कर कर सकते है।

देशभर में आज मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) का त्योहार मनाया जा रहा है। वहीं इस पावन अवसर पर धर्म व अध्यात्म की नगरी काशी में भोर से ही गंगा घाट पर स्नान करने वालों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा समेत प्रमुख घाटों पर आस्थावान गंगा नदी में पुण्य की डुबकी लगाकर स्नान-दान करने पहुंचे। वहीं प्रशासन की ओर से भी घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। एनडीआरएफ व जल पुलिस के साथ ही पुलिस-प्रशासन भी सक्रिय रहा।

मकर संक्रांति पर स्नान-दान का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में शनिवार की भोर से ही श्रद्धालु काशी के घाटों पर पहुंचने लगे। आस्थावानों ने गंगा नदी में स्नान कर भगवान भाष्कर को प्रणाम किया। इसके बाद पंडों, पुरोहितों, गरीबों व भिखारियों में दान-पुण्य और गरीबों की सेवा की

पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य शनिवार, 14 जनवरी की रात में 08:21 मिनट पर पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश किया। शास्त्रों में दान और स्नान का शुभ मुहूर्त उदया तिथि में माना जाता है, इसीलिए उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व रविवार, 15 जनवरी को मनाया जा रहा। दान, पुण्य और स्नान का शुभ मुहूर्त भी 15 जनवरी ही है

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में नहाने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है। इसको लेकर पौराणिक कथी भी प्रचलित है, जिसे लेकर लोग गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य करते है। ये सूर्य की उपासना का पर्व है। मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

आदर्श दुबे(ब्युरो चीफ मिर्जापुर)

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