राशन वितरण के समय देखेंगे कि परिवार के किसी सदस्य का गोल्डन कार्ड बना है कि नहीं
गोल्डन कार्ड न बने होने की स्थिति में करेंगे प्रेरित
चंदौली | प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के गोल्डन कार्य बनवाने की गति में तेजी लाने के लिए जिला प्रशासन ने अब एक नयी पहल की है | इसके तहत यदि किसी लाभार्थी परिवार के किसी भी सदस्य का गोल्डन कार्ड नहीं बना है तो उनको इसके लिए प्रेरित करने का काम सस्ते गल्ले की दुकान के कोटेदार करेंगे | इसके लिए उनको उनके क्षेत्र के लाभार्थियों की सूची सौंपने को कहा गया है |
जिलाधिकारी संजीव सिंह का कहना है कि जनपद के शहरी क्षेत्र में 69 सरकारी राशन की दुकान व ग्रामीण क्षेत्रों में 796 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान हैं| जिले के समस्त ब्लॉक अधिकारी /पूर्ति निरीक्षक से कहा गया है कि वह सम्बंधित ब्लॉक के प्रभारी चिकित्साधिकारी से आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनवाने से बचे हुए लाभार्थियों की सूची प्राप्त कर लें | कोटेदारों को सूची देने के साथ ही उन्हें बचे लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया जाए |इसके साथ ही उन्हें बताया जाए कि अब लाभार्थियों के परिवार के किसी भी एक सदस्य का गोल्डेन कार्ड दिखा कर ही सरकारी गल्ले की दुकान से राशन ले सकेंगे | जिलाधिकारी ने इसके लिए राशन कार्ड लाभार्थियों का आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाये जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश किया है। उन्होंने कहा कि राशन लेने से पहले सभी को गोल्डन कार्ड के बारे में जानकारी देनी होगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वी पी द्विवेदी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जिले में 1.24 लाख लक्ष्य परिवारों के सापेक्ष अब तक 53587 परिवारों का गोल्डेन कार्ड बना हैं, जो लक्ष्य का 43.09 प्रतिशत है । इसमें तेजी लाने के लिए जिले के राशन कार्ड लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड बनाने हेतु स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है| इसके तहत प्रत्येक आरोग्य मित्र , आपूर्ति विभाग एवं सरकारी सस्ते गल्ले की दूकानदारों को निर्देश पत्र जारी कर अवगत कराया जा चुका है| जो भी व्यक्ति राशन लेने आएगा उनका सूची से मिलान करके और आयुष्मान गोल्डेन कार्ड को देखने के बाद ही राशन दिया जाए और यदि सूची अनुसार किसी लाभार्थी के परिवार का गोल्डेन कार्ड न बना हो तो , लाभार्थी को इसकी पूरी जानकारी दें कि परिवार के सदस्य का गोल्डेन कार्ड जन सेवा केंद्र व योजना में आबद्ध चिकित्सालयों में अपने राशन कार्ड एवं आधार कार्ड के साथ जाएँ और गोल्डेन कार्ड अवश्य बनवाएं| आशा कार्यकर्ता गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए अपने क्षेत्र के सभी लाभार्थियों को राशन के दुकान तक लाने का काम करेंगी |