इजरायल को छेड़ना ईरान को भारी पड़ गया है क्योंकि अब सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के तख्तापलट की अटकलें तेज हो गई है। यूं बेटे को अपना उत्तराधिकारी चुनना और तबीयत बिगड़ना कोई संयोग तो नहीं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में अब इजराइली खूफिया एजेंसी मोसाद का नाम भी सामने आ रहा है। कई रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया है कि खामेनेई को किसी आपरेशन के तहत ज़हर दिया गया है। हालांकि ईरान ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
अमेरिका के चुनावी नतीजों के बाद पश्चिमी एशियाई देशों में खलबली मची है क्योंकि ट्रंप सरकार का झुकाव इजरायल की ओर ज्यादा होगा। कई राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि इसमें अमेरिका का हाथ भी हो सकता है। साल 1981 में अयातुल्ला को जान से मारने की कोशिश हुई थी जिसमें उनका दाहिना हाथ लकवाग्रस्त हो गया।रुहोल्लाह खुमैनी की मौत के बाद अयातुल्ला खामेनेई ने साल 1989 में सुप्रीम लीडर की कमान संभाली थी।
अयातुल्ला अली खामेनेई ने चुना उतराधिकारी
अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने दूसरे नंबर के बेटे मोजतबा खामेनेई को अपना उत्तराधिकारी चुना है हालांकि सुप्रीम लीडर के लिए मोजतबा को योग्य नहीं है। गौरतलब है कि ईरान में इस पद पर किसे बिठाया जाए इसका फैसला 86 शीर्ष इस्लामिक धर्म गुरुओं की बेंच (असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स) करती है। इसमें मोजतबा खामेनेई को अगला सुप्रीम लीडर चुना गया है इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर चल रही है। हालांकि ईरान आफिशियल ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।