चंदौली:- जनपद में 25 दिसंबर 2020 से चल रहे ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ विशेष अभियान के अंतर्गत दूसरे चरण सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान में घर– घर जाकर सैम्पल लिए गए । यह चरण 2 जनवरी से 12 जनवरी 2021 तक चला जिसमें 4,00,685 लोगों की स्क्रीनिंग की गई । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के मिश्रा ने बताया कि जिन लोगों में क्षय रोग की पुष्टि हुई उनके तत्काल इलाज की प्रक्रिया के साथ ही निक्षय पोर्टल पर हर माह मिलने वाले 500 रुपये की पोषण सहायता की प्रक्रिया भी शुरु की गई है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डी. एन. मिश्रा ने बताया कि ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ के दूसरे चरण में जनपद में 145 टीमों द्वारा 144 गाँव के घर-घर दस्तक देकर लोगों की टीबी की स्क्रीनिंग की गयी। जिसमें 1592 संभावित टीबी मरीजों के बलगम की जांच करायी गई| जांच में 134 टीबी के मरीज चिन्हित किये गए जिन्हे तत्काल इलाजा मुहैया कराया गया| साथ ही इस दौरान कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी एहतियात भी ध्यान में रखा गया । इसके अलावा टीम ने आमजन में भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जरूरी मानव दूरी का पालन करने को कहा गया ।
डॉ मिश्रा ने बताया कि टीबी रोग असाध्य बीमारी नहीं है। जागरूकता के अभाव में लोग घबरा जाते हैं, लेकिन टीबी का उपचार आसानी से संभव है। इलाज कराने से रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है। यदि किसी को खांसी के साथ खून आता हो और शाम को बुखार चढ़ जाता हो, सीने में दर्द एवं भूख न लगती हो और वजन घटता हो तो टीबी का लक्षण हो सकता हैं। साथ छोटे बच्चे की ग्रोथ रुक जाना, बच्चे का चिड़चिड़ा हो जाना। यह लक्षण भी टीबी के हो सकते हैं | इसके साथ ही दो हफ्ते से ज्यादा खांसी का होना, खांसी में खून का आ आना और इसके साथ ही भूख न लगनें के साथ ही वजन कम हो रहा है तो यह फेफड़े की टीबी हो सकती हैं | अगर हड्डी की टीबी है तो उस हड्डी में या उसके पास दर्द होगा । गिल्टी की टीबी है तो वहां ग्लैंड बढ़ जाती है। ऐसे में तुरंत ही टीबी की जांच करानी चाहिए । जांच की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है |
डॉ मिश्रा ने बताया कि टीबी से बचाव के लिए अपनी इम्युनिटी को अच्छा रखें जिसके लिए न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट (सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि) लेनी चाहिए। कमजोर इम्युनिटी से टीबी के बैक्टीरिया का प्रभाव ज्यादा प्रभावी होते हैं। कई बार अच्छे इम्यूनिटी वाले शरीर में टीबी के बैक्टीरिया होता है । लेकिन अच्छी इम्युनिटी से उन्हे प्रभावित नहीं कर पाता और टीबी नहीं होती हैं | टीबी के मरीज को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए गंदी जगहों से भी टीबी के मरीजों को दूर रहना चाहिए | मरीज को मास्क पहनकर रखना चाहिए। मास्क नहीं है तो हर बार खांसने या छींकने के समय साफ कपड़े से मुंह पर अवश्य लगाए | साथ ही सबसे अहम बात ध्यान रखना चाहिए कि टीबी के मरीज यहां-वहां न थूके जिससे अन्य लोगों प्रभावित न हो सकें