The news point : मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों के लिए माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी. दिनभर गरज चमक के साथ ही तेज बारिश और पूर्वा हवा के झोंके से गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई. जिससे भारी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है.जिसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ेगा.
किसान नेता चंद्रभान राय ने कहा कि गिरे हुए फसलों में गेहूं की 20 प्रतिशत ही फल लगा पता है. बुद्धवार के दिन सुबह से हीं हल्की बूंदा बादी बरसात पूर्वां हवा के झोंके से किसानों के गेहूं की फसल खेतों में हवा से गिर चुकी है. गिरे हुए फसलों में गेहूं की मात्रा दर कम हो जाती है. अगले साल भी जिन किसानों के गेहूं की फसल गिर गई थी. गेहूं 40% ही हुए थे. अभी भी कहा नहीं जा सकता आपदा से गेहूँ की फ़सल बच गयीं तो अभी भी 80% पैदावार गेहूँ की हो सकती है.
किसान प्रवीण राय ने बताया कि हर साल की भांति इस साल गेहूं की फसल किसानों की बहुत अच्छी थी जो किसान एक सप्ताह के भीतर सिचाई किए है. उन्ही किसानो की फ़सल गिरी है. अभी भी दैविक आपदा से फ़सल बच जाता है. तो इस साल गेहूं की उपज रिकॉर्ड तोड़ देता. लेकिन मौसम की बेरुखी ने इसमें खलल डाला है.