अन्नपूर्णा सिंह | Varanasi MLC Election Result | Annapurna singh Mlc | Mlc Brijesh Singh |
वाराणसी स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन चुनाव में अंतिम चक्र की मतगणना के उपरांत एकतरफा मतदान के चलते एमएलसी बृजेश सिंह की पत्नी निर्दल प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह(Annapurna Singh) के मुकाबले सपा प्रत्याशी उमेश यादव को महज 345 मतों पर ही संतोष करना पड़ा।
चुनाव में पूर्व एमएलसी को 4234 वोट मिले वहीं भाजपा के गढ़ बनारस में भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुदामा पटेल(Dr. Sudama patel) को महज 170 मतों के साथ बुरी हार का सामना करना पड़ा। जिसका अंदेशा उन्हें चुनाव से पहले ही नजर आने लगा था क्योंकि कोई भाजपा का बड़ा नेता उनका साथ नहीं दे रहा था।
बनारस के एमएलसी चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुदामा पटेल की इतनी बुरी हार कहीं न कहीं धनबल और बाहुबल के सामने भाजपा का पूरा संगठन घुटने टेकने जैसा नजर आ रहा है।
बताते चलें कि जहां एक ओर जरायम की दुनिया से माननीय बने एमएलसी बृजेश सिंह (Brijesh Singh) फिलहाल वाराणसी के केंद्रीय कारागार(Central Jail) में बंद हैं। वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने पूरे दमखम के साथ भाजपा के गढ़ बनारस में एमएलसी का चुनाव लड़ीं और सपा- भाजपा के प्रत्याशियों को बुरी तरह चुनाव हराकर एक तरफा मुकाबले में प्रचंड बहुमत से चुनाव जीत गईं।
अन्नपूर्णा सिंह की जीत आखिर क्यों है ख़ास
एक तरफ जहां उत्तरप्रदेश एमएलसी चुनाव में भाजपा 33 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत का कीर्तिमान रचा है तो वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विधानसभा चुनाव में भाजपा और सहयोगी पार्टियों ने सभी सीटों पर जीत दर्ज कर सूबे में योगी सरकार बनाने में कामयाब रही ऐसे में भाजपा प्रत्याशी का ऐसा प्रदर्शन अपने आप मे भाजपा संगठन पर भी सवालिया निशान खड़ा करता नजर आ रहा है ।
हालांकि कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि भाजपा अंदर तहख़ाने से निर्दल प्रत्याशी को सपोर्ट कर सकती है बहरहाल जिस तरह से पूर्व के चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा मगर मैनेजमेंट का खेल कहें या प्रत्याशी की मेहनत निर्दल उम्मीदवार की जीत काफी अहम है।
24 वर्षों से सीट पर कपसेठी हाउस का रहा कब्जा




लगातार 24 वर्षों से कपसेठी हाउस का कब्जा एमएलसी की कुर्सी पर है। दो बार बाहुबली बृजेश सिंह के भाई व पूर्वांचल की राजनीति के बड़े चेहरे लगतार 4 बार से विधायक सुशील सिंह के पिता चुलबुल सिंह एमएलसी पद पर रहे।
इसके बाद 2010 से 2016 तक बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह एमएलसी रहीं और 2016 में खुद बृजेश सिंह ने एमएलसी के लिए निर्दल पर्चा भरा तो उन्हें जीत हासिल हुई। उस समय भले ही बृजेश सिंह निर्दल प्रत्याशी के रूप में सबके सामने आए हों, लेकिन पीछे से भारतीय जनता पार्टी का कहीं न कही उन्हें भरपूर समर्थन मिला था।