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[ad_2]गुप्त नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है। माघ शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक घट स्थापन कर नियमपूर्वक देवी की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस नवरात्रि में साधक रात्रि में साधना करते हैं। गुप्त नवरात्रि विशेष मनोकामना की सिद्धि के लिए भी की जाती है। गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी को महानवमी पूजा के बाद संपन्न होगी।
पूजा-विधि
- सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
- मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
- धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
- मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
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पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
- लाल चुनरी
- लाल वस्त्र
- मौली
- श्रृंगार का सामान
- दीपक
- घी/ तेल
- धूप
- नारियल
- साफ चावल
- कुमकुम
- फूल
- देवी की प्रतिमा या फोटो
- पान
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- बताशे या मिसरी
- कपूर
- फल-मिठाई
- कलावा