[ad_1]




सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
कानपुर देहात के रनियां में खुले में क्रोमियम कचरा डालने वाली हिल्जर केमिकल प्राइवेट लिमिटेड समेत आठ कंपनियों को 280 करोड़ रुपये जुर्माना भरना ही पड़ेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जुर्माने को चुनौती देने वाली कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए तीन माह के भीतर यह राशि जमा करने का आदेश दिया है। समय से जुर्माना न जमा करने पर कंपनी के खिलाफ आरसी काटकर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
करीब 15 दिन पहले आए इस आदेश के साथ ही राहत के इंतजार में बैठी देहात और कानपुर शहर की उन सभी आठों औद्योगिक इकाइयों को झटका लगा है जिन्हाेंने सालों तक पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 62 हजार 225 मीट्रिक टन क्रोमियम कचरे को खुले में डंप किया था। इस वजह से रनियां और आसपास के क्षेत्र का भूगर्भ जल भी जहरीला हो गया।
एनजीटी ने कानपुर देहात के डीएम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त कमेटी के गठन के भी आदेश दिए हैं। यह कमेटी पूरे क्षेत्र में हुए पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई के लिए दो महीने में प्लान बनाएगी। इसे छह महीने में लागू करेगी और रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को सौंपेगी।
Source link