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घोटाला(सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला
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हाथरस के नगर पंचायत सहपऊ में अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के अगले दिन तत्कालीन अधिशासी अधिकारी (ईओ), नगर पंचायत कार्यालय से संबद्ध लिपिक, अन्य कर्मचारियों, अभियंताओं और ठेकेदारों पर कई फर्मों को विकास कार्यों का करीब एक करोड़ 30 लाख रुपये का अनियमित भुगतान करने का आरोप लगा है। इस मामले में डीएम के अनुमोदन पर एडीएम वित्त एवं राजस्व बसंत अग्रवाल ने आरोपी संबद्ध लिपिक की संबद्धता को निरस्त कर दिया है। इस पूरे प्रकरण की एडीएम न्यायिक व वरिष्ठ कोषाधिकारी ने जांच शुरू कर दी है।
तत्कालीन चेयरमैन विपिन वशिष्ठ का आरोप था कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक चेयरमैन का कार्यकाल समाप्त होने पर डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाता है। तब यह समिति ही भुगतान की संस्तुति देती है, लेकिन आरोपियों ने दोनों न्यायालयों के आदेशों की अवहेलना की है। नगर पंचायत सहपऊ में तत्कालीन चेयरमैन का कार्यकाल तीन जनवरी को समाप्त हो गया था। इसके अगले ही दिन चार जनवरी को विकास कार्यों का भुगतान कर दिया गया। इस मामले में पूर्व चेयरमैन विपिन वशिष्ठ ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव नगर विकास, अलीगढ़ कमिश्नर और हाथरस डीएम को पत्र भेजकर शिकायत की है।
शिकायत पर डीएम ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए एडीएम न्यायिक व वरिष्ठ कोषाधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया है। इस मामले में प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है। नगर पंचायत सादाबाद में तैनात लिपिक अनुपम गुप्ता की संबद्धता नगर पंचायत सहपऊ के कार्यालय से समाप्त कर दी गई है। यह कार्रवाई डीएम के अनुमोदन पर की गई है।
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