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– फोटो : अमर उजाला
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एक तरफ जहां लगातार बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं, तो वहीं, कुछ ऐसे लोग ऐसे भी हैं, जो अपने शौक पर हजारों रुपये खर्च करने से पीछे नहीं हटते। पिछले साल हाथरस के 318 लोगों ने वीआईपी बनने की चाह में बीस लाख 41 हजार रुपये खर्च कर दिए। इन लोगों ने यह रुपये अपनी गाड़ी के लिए वीआईपी नंबर लेने के लिए खर्च किए हैं।
उल्लेखनीय है कि दिन पर दिन सड़कों पर वाहनों का बोझ बढ़ता जा रहा है। इस साल जिले की सड़कों पर करीब 18 हजार वाहनों का बोझ बढ़ा है। इसमें 318 वाहन स्वामियों ने मुंहमांगे रुपये देकर एआरटीओ कार्यालय से मनमाफिक नंबर लिए हैं। एआरटीओ प्रशासन नीतू सिंह का कहना है कि वर्ष 2022 में 318 लोगों ने वीआईपी नंबर लिए हैं।
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