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Teachers Promotion Rules 2023: अब शिक्षक दो से चार वर्ष पहले ही प्रधानाध्यापक के लिए पात्रता हासिल कर लेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए शिक्षकों की अनुभव अवधि में कमी कर दी है। अब माध्यमिक शिक्षक 8 वर्ष जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षक 4 वर्ष के अनुभव के आधार पर ही प्रधानाध्यापक के लिए परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। पहले प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षकों को 10 वर्ष की सेवा करनी थी जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए 8 वर्ष की सेवा आवश्यक थी। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा हाल में ही इसी आधार पर आवेदन लेकर परीक्षा भी ली गई थी। कई शिक्षक संगठनों द्वारा इस अनुभव की अनिवार्यता को कम करने का सुझाव दिया गया था। राज्य में दोनों तरह के स्कूलों की संख्या लगभग 10 हजार है।
शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर द्वारा विभाग को इस संबंध में निर्देश दिया गया था। मंत्री ने कहा कि प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षक के लिए 8 वर्ष एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए 4 वर्ष की ही सेवा अनिवार्य होगी। इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इसी आधार पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम एवं परीक्षा का प्रारूप प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा। इससे संबंधित बिहार राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली, 2021 में आवश्यक संशोधन कर दिया गया है।
इसी अर्हता पर प्रोन्नति भी मिलेगी
मंत्री ने कहा कि इस संशोधन के बाद माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक में क्रमशः केवल 4 वर्ष एवं 8 वर्ष के अनुभव वाले शिक्षक प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नत अथवा सीधी भर्ती से नियुक्त हो सकेंगे। यही नहीं, प्रधानाध्यापक के लिए अधिक पात्र शिक्षक उपलब्ध होंगे। इससे कम उम्र के युवा प्रधानाध्यापक विभाग को मिलेंगे और विद्यालय के प्रबंधन तथा शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन हो सकेगा।
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