गाँवो में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करते करते रवि ने वाराणसी सहित मिर्जापुर चंदौली जौनपुर में देवी जागरण सहित अन्य शुभ अवसर पर पूरी रात स्टेज प्रोग्राम कर बहलाता है लोगो का मन कराता है मनोरंजन
वाराणसी – रोहनिया/-पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक दलित गरीब परिवार जहाँ एक छत को मोहताज है वही उसके आगे परिवार का जीविकोपार्जन तक कि ब्यवस्था न होने के कारण पढ़ाई लिखाई के उम्र में लोगो का मन बहलाने व स्टेज प्रोग्राम कर परिवार का भरण पोषण व तीन बहनों की शादी के साथ साथ दो बहनों का पढ़ाई लिखाई 24 साल के उम्र में रवि कांत सोलंकी ने कर एक मिशाल व बानगी पेश किया है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक भीमचण्डी दलित बस्ती के रहने वाले रविकांत सोलंकी पुत्र प्रेमशंकर ने वर्ष 2011 में पूर्व माध्यमिक विद्यालय पयागपुर में कक्षा 8 में सर्व प्रथम 26 जनवरी को किताब से राष्ट्रीय गीत गाना प्रारम्भ किया था जो विद्यालय में अधूरा रह गया था वह विद्यालय में गीत गाते गाते रोने लगा था उसी समय से उसके मन मे यह उम्मीद सपना जगा की हम गाना गायेंगे उसी क्रम में रविकांत सोलंकी ने पैसो के अभाव में व गरीबी के दंश झेल रहे परिवार में जन्म लेने के कारण कही सीखने नही जा पाया घर पर ही अपना रिहर्सल करते रहा गत कुछ वर्ष पूर्व भीमचण्डी में हो रहे रामलीला के दौरान सोलंकी को गाने का मौका मिला और वह श्रोताओं को अपने गायिकी से मंत्रमुग्ध कर दिया रामलीला में गायिकी का अंदाज देख हारमोनियम मास्टर शशि प्रजापति ने रविकांत को अपने साथ रख सुन्दरकाण्ड व अखण्ड रामायण गाने का कार्य प्रारंभ किया धीरे धीरे वह एक टीम अपना तैयार कर लिया जिसका नाम रखा “जय माँ भीमचण्डी जागरण ग्रुप” और पंचकोशी के द्वितीय पड़ाव भीमचण्डी धाम में रात्रि जागरण कार्यक्रम कर गायिकी क्षेत्र में प्रवेश किया और 5 वर्ष के समय मे उन्होंने गायिकी के बदौलत अपने 5 बहनों में 3 बहनो की शादी कर दी और 2 बहनों को पढ़ाई कराने का संकल्प लेने के साथ साथ माता-पिता सहित सभी लोगो का भरण पोषण करने का कार्य रविकांत सोलंकी करते दिखे।रविकांत सोलंकी ने बताया कि माता भीमचण्डी व हमारे परम पूज्य गुरु शशि प्रजापति के आशीर्वाद से हमे गायिकी क्षेत्र में अच्छा प्लेटफार्म मिला है जिससे परिवार का भरण पोषण करने का कार्य मैं करता हूँ पहले हमें एक रात के प्रोग्राम का 300 मिलता था और अब 5 से 12 लोगो के टीम के साथ जाने पर एक कार्यक्रम के तहत 10 हजार से लेकर 20 हजार तक का प्रोग्राम मिलता है।लेकिन पीएम के द्वारा चलाये जा रहे किसी भी मूलभूत सुविधा का लाभ मेरे परिवार को नही मिला इतना ही नही एक आवास आया था लेकिन पता नही किस कारण मेरे आवास को काट दी गयी हम लोग एक टीनशेड व एक जीर्ण शीर्ण घरो में रहने को मजबूर है।