मिर्जापुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को लगभग 10: 25 बजे सुबह मिर्जापुर पहुंचे। यहां उन्होंने तय कार्यक्रम के अनुसार कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सूचनाओं के आदान-प्रदान के काम के बारे में भी जाना। कंट्रोल रूम किस प्रकार काम करता है, किस तरह सूचनाएं प्रेषित होती हैं, इसके बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। इसके बाद मंडलीय अस्पताल में पहुंचे, अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ किया। तादुपरांत सिटी ब्लॉक के नुआंव गांव में चौपाल और नजदीक के सरकारी अस्पताल गुरूसंडी में पहुंचकर कोवीड महामारी से बचाव हेतु चलाए जा रहे योजना एवं वैक्सीनेशन का जायजा लेते हुए वहां उपस्थित लोगों से वार्ता की।
सरकारी अकड़ों के अनुसार
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है। पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 3957 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 10 हजार 441 लोग इस बीमारी से ठीक हुए हैं। सोमवार को उत्तर प्रदेश में 2 लाख 98 हजार 808 टेस्ट किए गए थे। ये जानकारी उत्तर प्रदेश के सूचना और जनसंपर्क विभाग के निदेशक शिशिर ने ट्वीट कर दी। मीडिया के अनुसार उन्होंने ट्विटर के जरिए बताया कि प्रदेश के चित्रकूट और कासगंज जिलों से कोरोना का सिर्फ एक-एक नया मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि कल 69,828 एक्टिव केस थे। आज एक्टिव केस 7 हजार और कम हो गए हैं। उन्होंने बताया कि यूपी का रिकवरी रेट अब 94 प्रतिशत से ऊपर है।
कोरोना काल में माता-पिता को खो चुके बच्चों को संरक्षण और सुरक्षा देगी योगी सरकार
योगी सरकार जल्द ही प्रदेश में एक नई कार्ययोजना पर काम कर रही है, जिससे सीधे तौर पर प्रदेश के ऐसे बच्चों को राहत मिलेगी जिन्होंने कोरोना काल में अपनों को खो दिया है। महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि प्रदेश में अब तक ऐसे करीबन 555 बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि महिला कल्याण विभाग ने प्रदेश के सभी जनपदों के डीएम को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। जिससे ऐसे सभी बच्चों के संबंध में सूचनायें संबंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लॉक और ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जा रहा है।