सेवराई। तहसील क्षेत्र के दिलदारनगर में हुए जच्चा बच्चा की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ धनंजय आनंद के द्वारा भदौरा बड़ी नहर स्थित शायका हॉस्पिटल में निरीक्षण गया। इस दौरान वहां पंजीकृत चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टॉफ अनुपस्थित मिले। किराए के भवन में चार-पांच कमरों में अस्पताल संचालित हो रहा है जहां मरीजों के ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू की व्यवस्था तो की गई है, पर मौके पर कोई भी चिकित्सक व अन्य मेडिकल स्टाफ नहीं मिला। अस्पताल के प्रबन्धक इमरान ने बताया कि डॉक्टर साहब आए हुए थे लेकिन दोपहर को वह वापस चले गए। अस्पताल के एक कमरे में दो युवतियां मिली जिनसे पूछने पर उन्होने बताया कि वह इस अस्पताल में नर्सिंग सीखती है। गौरतलब हो कि सेवराई तहसील क्षेत्र में अवैध अस्पतालों का भरमार हो गया है जिसमें रोजाना सैकड़ो की संख्या में मरीज झोलाछाप चिकित्सकों के चंगुल में फंसकर अपना जान माल गंवा रहे हैं। क्षेत्र के गली-गली में खुले इन अवैध अस्पतालों के जरिए झोलाछाप चिकित्सको के द्वारा आए दिन क्षेत्र के मरीजों का शोषण एवं लूट खसोट किया जा रहा है। बीते दिनों किसान नेता भानु प्रताप सिंह के द्वारा उप जिलाधिकारी को पत्रक सौंपते हुए सेवराई, भदौरा एवं दिलदारनगर में संचालित सैकड़ो अवैध अस्पतालों की जांच की मांग की गई थी। बताया कि इन अवैध अस्पतालों के द्वारा क्षेत्र के भोली-भाली जनता का आर्थिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा है। वही नर्सिंग के नाम पर संबंधित महिला कर्मचारियों का भी शोषण हो रहा है। आज भदौरा बड़ी नहर स्थित शायका हॉस्पिटल के नाम से संचालित एक निजी नर्सिंग होम में जांच के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर धनंजय आनंद को कोई भी चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टॉफ नहीं मिले हालांकि जांच के दौरान अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं थे लेकिन अस्पताल के कई दस्तावेज और मानक पूरे नही थे।
इस बाबत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय आनंद ने बताया कि बड़ी नहर स्थित शायका हॉस्पिटल पर निरीक्षण के दौरान कोई भी चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं मिला। मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करते हुए संबंधित के खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
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