22 साल की उम्र में जब कोई भी युवा अपने करियर और पढ़ाई को लेकर उलझन में होता है उस समय क्या आप सोच सकते हैं कि कोई छात्र तीन-तीन स्टार्टअप शुरू कर दे और करोड़ों की कमाई करने लग जाए। IIT स्टूडेंट सौरभ मौर्य ने मात्र 22 साल की उम्र में स्टार्टअप कंपनी खड़ी कर 22 करोड़ का टर्नओवर किया है। उनका यह सफर काफी उतार –चढ़ाव से भरा रहा। आइए जानते हैं कैसे सिर्फ संघर्ष के साथ उन्होंने करोड़ों तक का सफर तय किया है।
गरीबी में बिता बचपन
22 वर्षीय सौरभ मौर्य का जन्म बनारस के एक निम्न परिवार में हुआ था। उनका बचपन बेहद गरीबी में बिता। उनका परिवार आर्थिक रूप से जरूर कमजोर था लेकिन उनके सपने उतने ही मजबूत थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई बनारस के एक छोटे से गावं के प्राइमरी स्कूल में हुई। ये स्कूल, उनके घर से से 4 किलोमीटर दूर था और वो पैदल ही स्कूल जाया करते थे। सौऱभ का सपना तो आम बच्चों की तरह नए गाने सुनना, वीडियो बनाना था लेकिन उनके माता-पिता उन्हें किसी लायक बनाना चाहते थे।
परिवार का सपना किया पूरा
सौरभ जब 9वीं क्लास में पढ़ते थे तो वो अपना खर्च निकालने के लिए ट्यूशन देने लगे।वो दिन-रात पढ़ाई करते थे। सौरभ ने परिवार के सपनों को साकार करने के लिए आईआईटी की पढ़ाई की। आखिरकार 2018 में उन्हें IIT में एडमिशन मिल गया। जब वो IIT BHU पहुंचे तो देखा कि यहां तो हर कोई अपना एक गोल निर्धारित करके आया है। चूंकि सौरभ कोचिंग पढ़ाया करते थे तो उन्होंने सोचा क्यों न इसी फील्ड में कुछ आगे किया जाए। इसके बाद सौरभ बनारस की लगभग हर कोचिंग में गए और वहां पढ़ाने के लिए जॉब मांगी, लेकिन उनको जवाब मिला कि तुम्हें अभी एक्सपीरियंस नहीं है, इसलिए IIT कम्प्लीट करने के बाद आना।
अपने सपनों को दी नई उड़ान
नौकरी ना मिलने के कारण सौरभ ने तय किया कि उन्हें कुछ अपनी ही करना है। साल 2018 में जब वो फर्स्ट ईयर में थे तो उनकी मम्मी ने बिना पापा को बताए उन्हें 5 हजार रुपए दिए, जिससे सौरभ ने एक सैकंड हैंड मोबाइल फोन खरीदा, और यहीं से उनके करियर की शुरुआत हुई। इसके बाद उन्होंने एक यूट्यूब चैनल शुरू किया। वो यहां पर लेक्चर रिकॉर्ड करके अपलोड किया करते था। शुरुआत में उनके पास बोर्ड नहीं था तो एक हाथ से मोबाइल पकडते थे और दूसरे हाथ थे कॉपी पर लिखा करते थे। वो लगातार वीडियो बनाते गए जिसका नतीजा यह हुआ कि लोगों को उनकी वीडियों पसंद आने लगी।
ऐसे शुरू किया पहला स्टार्टअप
सौरभ ने कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने पहला स्टार्टअप शुरू किया। जिसमें उन्होंने 11वीं, 12वीं के उन बच्चों को गाइडेंस देना शुरू किया जो IIT की तैयारी कर रहे थे।’ ‘इसके लिए उन्होंने 99 रुपए में मेंटरशिप पैक लॉन्च किया। धीरे-धीरे स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती गई। इसके बाद सौरभ ने अपने और साथियों को इससे जोड़ा। सौरभ को पढ़ाने का नशा इस हद तक था कि उन्होंने कॉलेज के फर्स्ट ईयर से IIT का हॉस्टल न लेकर बाहर एक छोटा सा कमरा लिया। वो तब से चार घंटे ही सोते हैं। आज तक उन्होंने अपने कॉलेज का कोई कल्चरल फेस्ट या सेलेब नाइट अटैंड नहीं की। 8 महीनों तक उन्होंने सिर्फ मैगी खाकर ही जीवन बिताया। उनके कमरे में एक गर्म केतली थी, जिसमें या तो चाय बनाते थे, या मैगी खाकर ही सोते थे।
1500 रुपय से 22 करोड़ तक का सफर तय किया
सौरभ की मेहनत रंग लाई। उन्होंने जनवरी 2019 में SSD adtec pvt ltd (एसएसडी एडटेक प्राइवेट लिमिटेड) नाम से कंपनी बनाई और काम शुरू कर दिया। इसमें दो स्टार्टअप एक साथ चलते थे, एक कोर्स में और दूसरा मेंटरिंग में। सौरभ ने यह सब केवल 1500 रुपए से शुरू किया था और पहले ही साल उन्होंने इस स्टार्टअप से 11 करोड़ रुपए का बिजनेस किया। उनकी कंपनी का टर्नओवर 22 करोड़ है। आज उनकी बनारस में तीन ब्रांच है और एक ब्रांच गाजियाबाद में है। मेंटरशिप के लिए आज उनके पास 200 से ज्यादा आईआईटियन मेंबर्स जुड़े हुए हैं। 30 से ज्यादा लोग हैं जो डाउट सॉल्विंग करते हैं। 13 टीचर हैं जो पढ़ाते हैं।
सौरभ ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपनी सफलता की कहानी लिखी है। उनकी यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। जो परिस्थिति के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते।