‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ के तहत घर-घर पहुँच रही टीम
अभियान चलाकर खोजे जा रहे टीबी के मरीज
चंदौली : राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान 26 दिसंबर से एक महीने तक तीन चरणों में चलाया जा रहा है । अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंचकर लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें प्रारंभिक लक्षण नजर आयेंगे उनके बलगम का सैम्पल लेकर जांच को भेजा जाएगा। इसके साथ ही कोविड-19 के लक्षणों के आधार पर भी मरीजों को चिन्हित किया जा रहा है | इसके अलावा एचआईवी एवं डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों की भी टीबी की जांच की जाएगी । निजी चिकित्सकों, निजी लैब एवं मेडिकल स्टोर में भी एसीएफ़ चलाया जाएगा तथा उन्हें टीबी संबंधित जानकारी भी दी जाएगी।
यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ डी एन मिश्रा ने दी। उन्होने बताया कि प्रथम चरण में 26 दिसम्बर से जनपद के वृद्धाश्रम, नवोदय विद्यालय, मदरसे, रैन बसेरा में सभी स्थलों पर क्षय रोग व कोविड की जांच की जा रही है जिसमें अभी तक कोई भी व्यक्ति टीबी व कोविड का पॉज़िटिव नहीं पाया गया । उन्होने बताया कि जनपद में जनवरी 2020 से अब तक कुल 2291 टीबी रोगी इलाज पर रखे गए , जिसमें 1089 मरीज स्वस्थ हुए और शेष का इलाज किया जा रहा है ।
डॉ मिश्रा ने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में बांटा गया है। प्रथम चरण 26 दिसम्बर से 01 जनवरी तक चलेगा । दूसरे चरण में 02 जनवरी से 12 जनवरी तक जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर मलिन एवं हाई रिस्क जनसंख्या में क्षय रोग के मरीजों को खोजने के लिए एसीएफ़ अभियान चलाया जाएगा जिसमें जनपद की कुल आबादी के 20 प्रतिशत जनसंख्या की टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। तीसरे चरण में 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सकों, प्राइवेट हॉस्पिटल, प्राईवेट नर्सिंग होम, निजी लैब, पैथालॉजी व मेडीकल स्टोर से संपर्क स्थापित कर एसीएफ़ अभियान चलेगा और उन्हें क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन करने के निर्देश दिए जाएंगे। अगर किसी व्यक्ति में लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें चिन्हित कर तत्काल प्रभाव से उपचार पर रखा जाएगा।
डॉ मिश्रा ने बताया कि प्रथम चरण में 10 टीमें तैनात की गईं हैं। एक माह के इस अभियान में जनपद की 20 प्रतिशत जनसंख्या की टीबी स्क्रीनिंग की होगी । अभियान का मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक क्षय रोग की उपलब्ध सुविधाओं को पहुंचाना है। यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराए। जनपद में क्षय रोगियों की जांच एवं उपचार पूर्णतया नि:शुल्क उपलब्ध है।
घर-घर जाकर सर्वे
अभियान के तहत लोगों को बताया जा रहा है कि यदि दो हफ्ते से अधिक खांसी है तो जरूर जांच करवाएं। साथ ही टीबी के लक्षण के बारे में भी अवगत कराया जा रहा है । मरीज मिलने के बाद डॉट्स सेंटर से भी उन्हें जोड़ा जाएगा।
इलाज के दौरान मरीज को मिलेंगे हर माह 500 रुपए
निक्षय पोषण योजना के तहत उन्हें इलाज के दौरान 500 रुपए प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह 500 रुपए पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जाएगा। एक मरीज की अमूमन छह महीने तक दवा चलती है। मरीज के ठीक होने के बाद यह राशि बंद कर दी जाएगी।