चन्दौली : अलीनगर क्षेत्र के एक कालोनी में रहने वाली दो लड़कियों के बीच प्यार का मामला सामने आया है. दोनों युवतियां पिछले 10 साल से एक-दूसरे से प्यार कर रही हैं. वहीं एक-दूसरे के साथ रहने का फैसला कर लिया. इसकी जानकारी होते ही परिजनों में हड़कंप मच गया. परिजनों ने उनके प्यार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और समझाया, फिर भी युवतियां नहीं मानीं तो पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने युवतियों को प्रोबेशन कार्यालय पहुंचाया. अधिकारियों का कहना है कि दोनों लड़कियां बालिग हैं और अपनी जिंदगी का फैसला खुद कर सकती हैं.
अलीनगर के मवईं वार्ड लोकनाथ की पुत्री अंजली कुमारी (23) और प्यारेलाल की बेटी रानी कुमारी (22) पिछले 10 साल से एक दूसरे से प्यार करती हैं. दोनों एक-दूसरे के घर आती जाती रहीं. परिवार वाले उन्हें अच्छी दोस्त समझते रहे. युवतियों ने परिजनों को अपने रिश्ते की सच्चाई बताई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. परिजनों ने उन्हें समाज का हवाला देकर काफी समझाया, लेकिन लड़कियां नहीं मानीं.
इसके बाद परिजनों ने पुलिस को मामले की सूचना दी. अलीनगर थाने की पुलिस ने युवतियों से बात की. इसके बाद उन्हें लेकर जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पहुंची. यहां भी दोनों युवतियों ने एक-दूसरे के साथ रहने की बात कही. अधिकारियों का कहना रहा कि दोनों लड़कियां बालिग हैं, इसलिए अपने जीवन का फैसला खुद ले सकते हैं. उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता है.
अलीनगर थानाध्यक्ष शेषधर पांडेय ने बताया कि दोनों युवतियों के बीच एक दशक से अधिक का प्रेम संबंध है. इसकी पुष्टि युवतियों ने पूछताछ के दौरान किया है. ऐसे में कानूनी रूप से उनके मामले में पुलिस कुछ भी हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि दोनों लड़कियां बालिग हैं, और दोनों एक साथ रहना चाहती है. वो बालिग हैं तो उनके ऊपर कोई कार्रवाई भी नहीं की जा सकती. अभी तक लड़कियों ने ये नहीं कहा कि दोनों शादी करना चाहती है. इसलिए दोनों के मामले में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.
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युवतियों का घर करीब है. ऐसे में दोनों बचपन से ही साथ रहती थीं. एक साथ स्कूल जाना, खेलना और वक्त बीतना चलता रहा. इसी बीच दोनों के बीच आकर्षण पैदा हो गया. यह लगाव कब प्यार में बदल गया उन्हें पता भी नहीं चला. युवतियों ने बताया कि दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं. इसके बाद एक-दूसरे के साथ रहने का फैसला कर लिया. अपने रिश्ते की बात परिवारवालों को बताई, लेकिन वे इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हुए.