राजगढ़/मिर्जापुर- स्वास्थ्य विभाग जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भले ही जवाबदेह हो, लेकिन उतना गंभीर नहीं दिखता। स्वास्थ्य विभाग के नियमाें की अवहेलना करके तमाम मेडिकल स्टोर्स, पैथालोजी, नर्सिंगहोम और अल्ट्रासाउंड संचालित करने वाले लोग गरीबों की जिंदगी न केवल मौत की ओर धकेल रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। शासन के आदेश पर इन दिनों स्वास्थ्य महकमे में थोड़ी सरगर्मी जरूर आई है, लेकिन इससे जुड़े अधिकतर लोगाें का व्यवसाय अभी भी बदस्तूर चल रहा है
मेडिकल स्टोर्स पर दवा बेचने, नर्सिंग होम और पैथालोजी चलाने के साथ-साथ एक्सरे एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुछ नियम और शर्तें बना रखी हैं। इन पर खरा उतरने वाला व्यक्ति ही मेडिकल स्टोर्स, पैथालोजी, नर्सिंग होम अथवा अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने के काबिल होता है, परंतु मिर्जापुर जिले के राजगढ़ ब्लाक मे तमाम मेडिकल स्टोर्स, नर्सिंग होम, पैथालोजी, एक्सरे एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सबसे दयनीय हालत तो ग्रामीण क्षेत्रों के चौक-चौराहाें और बाजारों में है, जहां गुमटी तथा मेज पर दवाएं रखकर बेची जाती हैं। इसी तरह पैथालोजी और क्लिनिक गांव-देहात के बाजारों में कुकुरमुत्ते की तरह हैं, जो मनमाने ढंग से मरीजाें से पैसे तो लेते ही हैं, जांच और इलाज भी मनमाना करते हैं। दवाओं की बिक्री पर नजर रखने के लिए जिले में एक ड्रग इंस्पेक्टर की तैनाती है और सीएमओ तथा अन्य सम्बंधित अधिकारियों पर निगहबानी की जिम्मेदारी होती है, परंतु यदि कोई विशेष आदेश न मिले तो ये अधिकारी जांच करने की जहमत नहीं उठाते हैं।
ब्युरो रिपोर्ट मिर्जापुर