Ghazipur news: करंडा सरकारी स्कूल का ‘साहब’ बना घोटालेबाज़! शिक्षा के नाम पर लूटी गई रकम, पत्नी के खाते में भी पहुंचा पैसा!

On: Wednesday, July 2, 2025 4:55 PM
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शिक्षा के मंदिर में घोटाले का धुआँ! प्रधानाध्यापक पर लाखों की हेराफेरी, पत्नी के खाते में भी ट्रांजैक्शन!

गाजीपुर। करण्डा ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय विशुनपुरा में तैनात प्रधानाध्यापक विनोद कुमार पाण्डेय एक बड़े वित्तीय घोटाले के आरोप में बुरी तरह घिर चुके हैं। शिक्षा के मंदिर को भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बनाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय नागरिक‌ एवं सामाजिक कार्यकर्ता हरिकेश यादव ने शिकायत की थी, जिसके बाद शुरू हुई जांच में हैरान करने वाले खुलासे सामने आए हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव द्वारा गठित त्रिसदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट 23 जनवरी 2024 में पुष्टि हुई कि विद्यालय के खातों से अवैध रूप से धनराशि निकाली गई — और वह भी प्रधानाध्यापक एवं उनकी पत्नी के खातों में ट्रांसफर की गई!
इस गंभीर वित्तीय अनियमितता के चलते प्रधानाध्यापक को 24 जनवरी को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस निलंबन को “कानून के विरुद्ध” मानते हुए निरस्त कर दिया, लेकिन आरोप अभी भी कायम हैं और विभागीय जांच जारी है।
अब जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापक को आखिरी मौका देते हुए निर्देश दिया है कि वे विद्यालय खाते से निकाली गई पूरी धनराशि वापस जमा करें। रसीद के साथ एक सप्ताह में लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। अन्यथा सेवा नियमावली 1999 के तहत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जा रही है।
अहम बात यह है कि जांच बिंदु 13 में आरोप पुष्टित हुए हैं जबकि बिंदु 2 पर जवाब अब तक लंबित है।

सवाल बड़े हैं, जवाब कोई नहीं!

बच्चों की पढ़ाई के पैसे से अपने परिवार को मालामाल करने वाला शिक्षक — क्या ऐसे लोग ही “गुरु जी” हैं?

क्या सरकारी व्यवस्था ऐसे भ्रष्टाचारियों पर अब सख्ती दिखाएगी या मामला फिर किसी फाइल में दफन हो जाएगा?

प्रशासन सख्त – कार्रवाई की उलटी गिनती शुरू!

जिला शिक्षा विभाग ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि अगर निर्दिष्ट धनराशि वापस नहीं की गई या स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाया गया तो सीधी कार्रवाई होगी और संपूर्ण जिम्मेदारी आरोपी की होगी। प्रकरण के संबंध में प्रधानाध्यापक विनोद कुमार पाण्डेय का कहना है कि मुझे कोई ऐसी जानकारी नहीं है और न ही कोई विभाग से नोटिस प्राप्त हुई है।
शिक्षा के नाम पर लूट का ये मामला अब जनपद का सबसे चर्चित घोटाला बनता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या शिक्षा विभाग सच में कार्रवाई करेगा या फाइलों में दफन हो जाएगा।

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