Flood in Chandauli :गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर चुका है और अब अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। जिले के चार विकासखंड — धानापुर, चहनियां, सकलडीहा और नियामताबाद — गंगा की कटान से बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। खेतों में पानी भर चुका है, और अब कई गांवों में घर भी खतरे की जद में आ गए हैं।

गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के दृष्टिगत जिलाधिकारी चंदौली पुलिस अधीक्षक के द्वारा हसनपुर, तिरगांवा सहित तटवर्तीय इलाकों एवं बाढ़ चौकियों पर सुविधाओं की उपलब्धता का स्थलीय भ्रमण कर जायजा लिया गया। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिया गया।
डरावना होता जा रहा है गंगा का रूप

गुरैनी, महुंजी, प्रहलादपुर, कवलपुरा, नरौली, रायपुर, सहेपुर और बुद्धपुर जैसे गांवों में जमीन तेजी से कट रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई जगहों पर गंगा अब महज़ 2–3 मीटर की दूरी पर घरों तक पहुंच चुकी है।
गुरैनी गांव के ग्रामीण बताते हैं –
“हर साल खेत कटते गए, अब घर बचेंगे कि नहीं, इसकी चिंता है। नेता लोग आते हैं, फोटो खिंचाते हैं, चले जाते हैं।”
कटान का आंकड़ा डरावना है:
पिछले कुछ सालों में सिर्फ धानापुर इलाके में 3200 बीघे से ज़्यादा उपजाऊ ज़मीन गंगा में समा चुकी है। अब सिर्फ 800 बीघे खेत बचे हैं — वो भी असुरक्षित।
प्रशासन अलर्ट पर, मगर समाधान नहीं
- कई बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं
ग्राम निगरानी समितियां सक्रिय की गई हैं
स्वास्थ्य विभाग को संक्रमण रोकने के निर्देश
मगर कटान रोकने के लिए कोई स्थाई तटबंध नहीं! - प्रशासन दावा कर रहा है कि टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि हर साल यह संकट बढ़ता जा रहा है।