रिपोर्ट अभिषेक राय


दारू-नोट की राजनीति के बीच ईमानदारी का प्रतीक — अश्वनी राय और उनका राजापुर…
गाजीपुर। पंचायत चुनाव कि सुगबुगाहट में हर प्रधान प्रत्याशी अपने गांव को राजापुर गांव जैसा बनाने का कर रहे हैं दावा। आईए जानते हैं राजापुर के प्रधान अश्वनी कुमार राय को। जब पूरी राजनीति स्वार्थ और लालच के दलदल में धँसती दिखती है, तब कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सेवा और ईमानदारी से लोगों के दिलों में जगह बना लेते हैं।
ऐसे ही हैं मुहम्मदाबाद विकासखंड के ग्राम पंचायत राजापुर के लोकप्रिय प्रधान श्री अश्वनी कुमार राय, जिन्होंने अपने काम और कर्म से यह साबित कर दिया है कि अगर नीयत सच्ची हो, तो पंचायत ही नहीं, पूरा जनपद बदल सकता है।
आज जब कई जगहों पर “वोट के नाम पर दारू, मुर्गा और नोट की राजनीति” होती है, वहीं अश्वनी राय जैसे लोग दिखाते हैं कि वोट खरीदने से नहीं, विश्वास जीतने से विकास होता है।
प्रधान अश्वनी राय कहते हैं कि गांव का विकास तब होगा जब हर गरीब का सपना प्रधान का लक्ष्य बने।
राजापुर गांव आज गाजीपुर जिले में एक मॉडल पंचायत के रूप में उभर रहा है। चौड़ी सड़कें, स्वच्छ गलियां, जल निकासी की समुचित व्यवस्था, स्कूलों का सौंदर्यीकरण, महिला स्व सहायता समूहों को प्रोत्साहन। ये सब अश्वनी राय की दूरदृष्टि और लगन का परिणाम हैं।
उनकी मेहनत और ईमानदारी का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं अश्वनी राय को सम्मानित कर चुके हैं। जहां कई जनप्रतिनिधि कुर्सी के लिए राजनीति करते हैं, वहीं अश्वनी राय उसे सेवा का माध्यम मानते हैं।
गांव के बुजुर्ग कहते हैं…..
“अश्वनी राय जैसे प्रधान रोज़ पैदा नहीं होते।
उन्होंने गांव को सिर्फ बदला नहीं, बल्कि नई सोच दी है।”
उनके नेतृत्व में पंचायत ने मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, हर घर नल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और ग्राम स्वराज अभियान जैसी योजनाओं में शत-प्रतिशत पारदर्शिता और बेहतर क्रियान्वयन का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
युवा वर्ग उनके कार्यों से प्रेरणा लेकर समाजसेवा और ग्रामीण नेतृत्व की ओर अग्रसर हो रहा है।
महिलाओं के लिए शुरू की गई आत्मनिर्भरता पहल और स्वयं सहायता समूहों को मिली नई दिशा ने राजापुर को सशक्त पंचायतों की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
अश्वनी राय की सोच सरल है…. वह कहते हैं कि
“जो अपने गांव से प्यार करता है, वही सच्चा देशभक्त है।
विकास का असली मतलब है….हर घर में रोशनी, हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान।”
आज राजापुर गांव का नाम न सिर्फ गाजीपुर में बल्कि पूरे पूर्वांचल में विकास और ईमानदारी की मिसाल के रूप में लिया जाता है।
उनकी कार्यशैली और समर्पण देखकर अन्य ग्राम प्रधानों के लिए यह एक आँख खोलने वाला उदाहरण बन गया है कि राजनीति सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि सेवा का दूसरा नाम है।
