गाजीपुरगाजीपुर। नंदगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत पहलवान पुर पुलिया के समीप प्रिंस पाली क्लिनीक के नाम से एक हास्पिटल धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। लोगों का कहना है कि इनका रजिस्ट्रेशन क्लिनिक का है लेकिन इसमें सेटअप हास्पिटल का डाला गया है इन हास्पिटल में महिलाओं का आपरेशन से बच्चे भी होते हैं।
हास्पिटल के प्रबंधक प्रमोद कुमार ने मीडियाकर्मियों से फोन पर ही मिलने के लिए कहने लगे। जिस मीडियाकर्मियों ने कहां कि हम लोगों से आप क्यों मिलना चाहते हैं। मीडिया कर्मियों ने देखा तो वहां कोई डाॅक्टर मौजूद नहीं थे। सूत्रों की मानें तो महिलाओं के आपरेशन के लिए एक रेट पंद्रह से पच्चीस हजार फिक्स हो रखा है। इसको देखते हुए भी स्वास्थ्य विभाग न जाने क्यों मेहरबान है।
क्षेत्र में कई अवैध हास्पिटल चल रहे है। संचालनकर्ता मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। गांवों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीण इन हास्पिटलो पर अपना इलाज करवाते है। ऐसे में कई बार मरीजों के जान जाने का खतरा भी बन जाता है। गांवों में चिकित्सा सुविधा की कमी होने के कारण कई अवैध हास्पिटल खुले हुए है। जो मरीजों से मनमाफिक फीस वसूलकर उनका इलाज करते है। ऐसे में अगर कोई गलत दवाई देने से तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है, तब उन्हें बड़े अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है। विशेष सूत्रों की मानें तो गांवों में आशा का तगड़ा नेटवर्क से निजी हास्पिटलो में महिलाओं की डिलीवरी कराने जाते हैं । इस दौरान मरीजों से मोटी फीस वसूली जाती है।
नहीं हो रही कोई कार्रवाई-
अवैध हास्पिटलो व क्लिनिक को लेकर डीएम आर्यका अखौरी मीटिंग में अपने अधीनस्थों को निर्देशित करती रहती है। लेकिन तभी भी जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक व हास्पिटल धड़ल्ले से चल रहे हैं स्वास्थ्य विभाग को इसकी सब जानकारी होने के बावजूद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में सोचने की बात तो यह है कि क्या स्वास्थ विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
” मेरे पास समय नहीं है जो लिखना है वह लिख दीजिए – डाॅ. शिशिर शैलेश”
नोडल अधिकारी गाजीपुर