मिर्जापुर
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mirzapur cities in uttar pradesh जनपद के नाम को लेकर कई भ्रांतियां व्याप्त हैं। कुछ प्राचीन लोककथाओं के अनुसार विंध्याचल, अरावली एवं नीलगिरी से घिरे हुए क्षेत्र को विंध्यक्षेत्र के नाम से जाना जाता है। समयांतराल विंध्यक्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों का अलग अलग नामकरण हुआ। जैसे की मांडा के समीप के क्षेत्र पम्पापुर के नाम से, वर्तमान का अमरावती क्षेत्र गिरिजापुर के नाम से तथा आसपास का क्षेत्र सप्त सागर के नाम से विख्यात हुआ।
17वीं शताब्दी में जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में तेज़ी से अपने पाँव पसार रही थी, कलकत्ता से लेकर दिल्ली तक कंपनी का कारोबार फैलता ही जा रहा था तब कंपनी के अफसरों को मध्य भारत में भी अपना व्यापार फ़ैलाने की आवश्यकता महसूस हुयी इसी सन्दर्भ अफसरों ने गंगा के रास्ते में पड़ने वाले लगभग सभी नगरीय क्षेत्रों का गहन अध्ययन किया। तमाम क्षेत्रों में विंध्याचल एवं गंगा की बाँहों में फैला विंध्यक्षेत्र अंग्रेजी अफसरों को भा गया। 1735 ईसवी में लार्ड मर्क्यूरियस वेलेस्ले नाम के एक अँगरेज़ अफसर ने इस क्षेत्र की स्थापना मिर्ज़ापुर नाम से की।
मिर्ज़ा शब्द अंग्रेजी शब्दकोश में 1595 ईसवी से जुड़ा जिसका शाब्दिक अर्थ है “राजाओ का क्षेत्र”। इस शब्द की व्युत्पत्ति अमीर (English: Emir) एवं ज़ाद (Persian) को मिलाकर बनाए शब्द अमीरजादा से हुयी। पर्शिया में अमीरजादा के लिए एक शब्द मोरजा भी है। अतः अंग्रेज़ों ने अपने क्षेत्र विस्तार के समय मिर्ज़ा शब्द को उपाधि की तरह उपयोग किया तथा क्षेत्र का नाम “मिर्ज़ापुर” रख जिसका अर्थ हुआ राजाओं का क्षेत्र। कुछ स्थानों पर अपभ्रंश के रूप में “मीरजापुर” नाम भी चलन में है।
chunar किला चुनार किला
चुनार स्थित चुनार किला कैमूर पर्वत की उत्तरी दिशा में स्थित है। इस प्रसिद्ध किले का निर्माण शेरशाह द्वारा करवाया गया था। इस किले के चारों ओर ऊंची-ऊंची दीवारें मौजूद है। यहां से सूर्यास्त का नजारा देखना बहुत मनोहारी प्रतीत होता है। कहा जाता है कि एक बार इस किले पर अकबर ने कब्जा कर लिया था। उस समय यह किला अवध के नवाबों के अधीन था। किले में सोनवा मण्डप, सूर्य धूपघड़ी और विशाल कुंआ मौजूद है।
सीता कुंड
अष्टभुजा मंदिर के पश्चिम दिशा की ओर सीता जी ने एक कुंड खुदवाया था। उस समय से इस जगह को सीता कुंड के नाम से जाना जाता है। कुंड के समीप ही सीता जी ने भगवान शिव की स्थापना की थी। जिस कारण यह स्थान सीतेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। सीता कुंड के पश्चिम दिशा की तरफ भगवान श्री राम चंद्र ने एक कुंड खोदा था। जिसे राम कुण्ड के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त शिवपुर स्थित लक्ष्मण जी ने रामेश्वर लिंग के समीप शिवलिंग की स्थापना की थी, जो कि लक्ष्मणेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। mirzapur
कुशियारा जलप्रपात
कुशियारा, सिरसी बांध, विंढम फाल, सिद्धनाथ की दरी, खड़ंजा फाल।
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