उत्तर प्रदेशगाजीपुरटॉप न्यूजब्रेकिंग

Ghazipur news: भांवरकोल गया श्राद्ध से खुल जाते है स्वर्ग के द्वार




गाजीपुर । सनातन में श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करके पूर्वजों को बताया.जाता है कि आज भी वह परिवार का हिस्सा हैं. पितृपक्ष में पूर्वजों का आशीर्वाद लेने से घर में सुख-शांति रहती है. पितृ पक्ष के दौरान पितरों की तिथि के अनुसार तर्पण किया जाता है और उनका मनपंसद भोजन तैयार किया जाता है. कहा जाता है कि इस दौरान गया में पितरों का पिंडदान करने से उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। गरुण पुराण के अनुसार भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने गया में ही अपने पिता चक्रवर्ती महाराज दशरथ को पिंडदान किया था। कहते है पितृ पक्ष के दौरान गया में श्राद्ध या पिंडदान करने से पूर्वज स्वर्ग जा सकते हैं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीहरि यहां पितृ देवता के रूप में विराजमान हैं। इसलिए उन्हें पितृ तीर्थ भी कहा जाता है। मान्यता है कि गया जी में पिंडदान करने से 108 कुलों और 7 पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है और सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे उन्हें स्वर्ग में जगह मिलती है। गया के महत्व के कारण हर साल लाखों लोग अपने पूर्वजों का पिंड दान करने के लिए पहुंचते हैं। अब देश-विदेश से लोग गया पहुंचकर पिंडदान करने और अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। गया बिहार का एक जिला है, जिसे लोग बड़े आदर से “गयाजी“ कहते हैं। गया क्षेत्र को धार्मिक नगरी के रूप में भी जाना जाता है। गया जी के हर कोने पर मंदिर हैं, उनमें स्थापित मूर्तियां प्राचीन काल की बताई जाती हैं। हालांकि, सभी की मान्यताएं अलग-अलग हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *