अगर मुझे कुछ होता है तो,इसका जिम्मेदार पूरा जिला प्रशासन होगा
गाजीपुर। करंडा विकास खंड अंतर्गत करंडा गांव के ग्राम प्रधान द्वारा जिले के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई जा चुकी है । डीएम साहिबा इन ग्राम सभा में पंचायत भवन अधूरा है। ग्रामीणों को ब्लाक का चक्कर काटना पड़ता है और हैरानी की बात तो यह है कि भट्ठा मालिक, मैटेरियल्स दुकानदार व मिस्त्री ग्राम प्रधान को बेइज्जत कर रहे हैं यह बात कोई और नहीं बल्कि करंडा के मुसहर ग्राम प्रधान राजेश बनवासी ने अधिकारियों से लिखित शिकायत किया है।
खबर प्रकाशित होने के बाद डीपीआरओ अंशूल मौर्य और एसडीएम सदर अधूरे ग्राम पंचायत सचिवालय की जांच करने पहुंचे।
वहीं डीपीआरओ का कहना है कि दूसरी जमीन चयनित किया जायेगा लेकिन ग्राम प्रधान का कहना है कि मेरे करीब 6 लाख भुगतान कौन करायेगा डीपीआरओ साहब।
यह है पूरा मामला-
दरअसल मामला करंडा ब्लॉक अंतर्गत करंडा ग्राम पंचायत में बने अधूरे पंचायत भवन होने से ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
बीते दिनों ग्राम प्रधान राजेश बनवासी ने अधिकारियों को कई बार लिखित प्रार्थना पत्र देकर भुगतान करने व ग्राम सचिवालय बनाने का मांग किया गया है। ग्राम प्रधान ने बताया कि पंचायत भवन बनवाने में करीब पांच से छह लाख रूपया लग गया है जिसमें एक रूपया भी भुगतान नहीं हुआ है और मामला न्यायालय में चला गया जिससे भुगतान न होने पर भट्ठा मालिक, मैटेरियल्स दुकानदार व मिस्त्री बेइज्जत कर रहे हैं और पैसे के लिए मेरे साथ कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी।
पंचायत भवन का मामला न्यायालय में है विचाराधीन-
ग्राम प्रधान ने शिकायती पत्र में कहा कि हुजूर! मैं भूमिहीन, मजदूर, अनुसूचित जाति का मुसहर ग्राम प्रधान हूं। ग्राम प्रधान ने कहा कि तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी धमकी देते हुए कहा था कि 14 अक्टूबर 2021 तक किसी सूरत में पंचायत भवन बन जाना चाहिए मेरा गुनाह इतना ही है कि मैं पंचायत भवन लिंटर से भी आगे बनवा दिया और बदलें में मुझे अब धमकी और बेइज्जती मिल रही है। ग्राम प्रधान ने कहा कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करंडा के मैनेजर वृजेश सिंह ने उक्त जमीन होने का वादा न्यायालय में दाखिल कर दिया है। लेकिन पूरा साक्ष्य सहित अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी।
वर्जन-
मेरे द्वारा करंडा में अधूरे ग्राम सचिवालय का निरीक्षण कर जांच किया गया प्रथम दृष्टया मामला न्यायालय में विचाराधीन है और भूमि पर स्थगन आदेश है। दूसरी जमीन के लिए सीआरओ सर से बात किया जा रहा है- अंशुल मौर्य डीपीआरओ गाजीपुर