Ghazipur news — आज के दौर में जब देश विज्ञान, तकनीक और जागरूकता की राह पर अग्रसर है, वहीं ग्रामीण भारत के कुछ हिस्सों में अब भी अंधविश्वास जैसी कुरीतियां जानलेवा बन रही हैं। गाजीपुर जिले के दिलदारनगर थाना क्षेत्र स्थित उसिया गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां भूत-प्रेत के शक में हुई कहासुनी ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया और एक अधेड़ व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास की भयावह सच्चाई को भी उजागर करती है।
क्या है पूरा मामला?
घटना 6 जून की बताई जा रही है। उसिया गांव (Usiya Village)के निवासी जीतन यादव किसी विवाद का शिकार हो गए, जो भूत-प्रेत से जुड़ी अफवाहों और अंधविश्वास की देन था। गांव में यह चर्चा थी कि जीतन यादव पर किसी तरह की बुरी आत्मा का साया है या वे किसी तांत्रिक गतिविधि में लिप्त हैं। इसी अफवाह ने गांव में तनाव का माहौल बना दिया।
कहासुनी बढ़ी और आखिरकार विवाद हिंसा में तब्दील हो गया। आरोप है कि गांव के ही रणजीत यादव (22 वर्ष) और लोरिक यादव (18 वर्ष) ने मिलकर जीतन यादव को बुरी तरह पीटा। परिजन घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस तरह एक निर्दोष की जान अंधविश्वास और अफवाहों की भेंट चढ़ गई।
पुलिस की तत्पर कार्रवाई
घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। फरार चल रहे दोनों आरोपी—रणजीत यादव और लोरिक यादव—को 7 जून की सुबह 8:30 बजे दिलदारनगर(dildarnagar) के वायरलेस चौराहे से गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपी फेरू यादव के पुत्र हैं और उसी गांव के दक्षिण मुहल्ला, डेरा उसरा के निवासी हैं।
गिरफ्तारी के दौरान रणजीत यादव की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया फावड़े का बेंट भी बरामद किया गया। पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अभियोग संख्या 102/25 के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 115(2), 352, 351(3) व 105 में मामला दर्ज किया है।
जांच टीम में शामिल अधिकारी
गिरफ्तारी और छानबीन में उपनिरीक्षक संतोष कुमार, उपनिरीक्षक नन्दलाल मिश्र, हेड कांस्टेबल उदय दुबे और कांस्टेबल जितेन्द्र गुप्ता ने प्रमुख भूमिका निभाई। यह कार्रवाई अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), क्षेत्राधिकारी जमानियां और थाना प्रभारी दिलदारनगर के नेतृत्व में की गई।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना महज एक आपराधिक केस नहीं, बल्कि समाज के उस अंधेरे कोने की कहानी है जहां अंधविश्वास, अफवाह और अशिक्षा अब भी गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं। यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में न सिर्फ कानून अपना काम करे, बल्कि समाज के हर वर्ग को जागरूक किया जाए कि किसी व्यक्ति पर शक या अफवाह के आधार पर हिंसा करना न सिर्फ अपराध है, बल्कि एक अमूल्य जीवन को खत्म करना है।
Superstition became fatal: Man beaten to death in Usiya village of Ghazipur, two accused arrested