Chandauli News : सावन मास चले पुरवाई बैल बेच किन धेनू गायी वाली कहावत हो रही चरितार्थ

On: Friday, July 21, 2023 12:08 PM
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Chandauli News : जब से श्रावण मास का आगमन हुआ और उसमें पूर्वा हवा के झोके चलने लगे तब से आसमान से बादल दूर हो गये है। महुआरी व बरह परगने में वर्षा न होने से किसान धान की रोपाई के लिए मायूस हो गये है। एक-केन प्रकारेण धान की रोपाई कर रहे है लेकिन पानी के अभाव में धान सूखने लग रहा है।

समस्या तो यहा तक हो गयी है कि बाजरा, अरहर, मूंग, उरद, तिल, मूगफली इत्यादि फसलों की बुवाई नही हो पा रही है। आलम यह है कि अब अलसुबह से ही भगवान भाष्कर की भृकुटी तन जाती है। जिससे दिन भर आसमान से आग बरसने लगती है। जैसे सावन महीने में जेठ जैसी गर्मी व उसस से लोग बेहाल हो जा रहे है। अनाबृष्टि के चलते नहरे भी जबाब दे रही है। नहरो में भी पर्याप्त मात्रा में पानी नही छेाड़ा जा है। जिससे पानी पूरे टेल तक नही पहुच पा रहा है।

धान की नर्सरी सूख जा रही है साथ ही रोपाई बाधित हो गयी है। काश्तकारों का कहना है कि सावन महीने में वर्षा के न होने से अकाल व सूखे की स्थिति बन गयी है और चहनिया क्षेत्र की बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है।जिससे किसान अब मायूस होते जा रहे है। वही बुजुर्गों की कहावत चरितार्थ हेाती दिख रही है कि ‘‘सावन मास बहे पुरवाई बैल बेच किन धेनू गायी’’।

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