Chandauli news today | सकलडीहा तहसील क्षेत्र से एक अहम भूमि विवाद सामने आया है, जहाँ ग्राम नदरा, परगना बढ़वल में स्थित एक राजस्व भूमि (तालाब) पर अवैध कब्जे की पुष्टि लेखपाल द्वारा की गई है। लेखपाल द्वारा की गई भूलेखीय जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं, जिससे न केवल सरकारी संपत्ति की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं, बल्कि ग्रामीणों के बीच आक्रोश भी पनप रहा है।
क्या है मामला?(Chandauli news)
लेखपाल द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के अनुसार ग्राम नेदरा की आराजी संख्या 19, रकबा 1.546 हेक्टेयर भूमि पर जांच की गई। तो पता चला बंदोबस्त अभिलेख में यह भूमि तालाब के रूप में दर्ज है, जोकि सार्वजनिक उपयोग की संपत्ति मानी जाती है।
लेकिन वर्तमान खतौनी में यह भूमि कई भागों में बाँट दी गई है, जिसमें से 0.910 हेक्टेयर भूमि पर अलग-अलग व्यक्तियों का नाम दर्ज है।
अवैध कब्जे की स्थिति:
गाटा संख्या 19, रकबा 0.809 हेक्टेयर पर रामलाल, बाबूलाल, मुन्नीलाल (पुत्रगण छोटकन) और सुरसत्ति पत्नी श्यामलाल का नाम दर्ज है।
इसी प्रकार, गाटा संख्या 19, रकबा 0.101 हेक्टेयर पर अच्छेलाल, दुलारे और मुक्खू (पुत्रगण श्यामलाल) का नाम भूमिधर के रूप में दर्ज है।
जबकि खाता संख्या 42, गाटा संख्या 19, रकबा 0.636 हेक्टेयर भूमि अब भी तालाब के खाते में दर्ज है।
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राजस्व नियमों के अनुसार क्या कहता है कानून?
राजस्व संहिता के अंतर्गत कोई भी सार्वजनिक उपयोग की भूमि जैसे तालाब, चारागाह, सड़क आदि को किसी भी व्यक्ति के नाम निजी खाता अंतःकरण में दर्ज नहीं किया जा सकता।
उत्तर प्रदेश ज़मीन संरक्षण अधिनियम व सरकारी भूमि संरक्षण कानून के अनुसार तालाब जैसी सार्वजनिक ज़मीन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
इस प्रकार के मामलों में लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर उपजिलाधिकारी (SDM) स्तर से निर्गमन आदेश जारी कर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है।
वर्ष 2021 में ही लेखपाल ने सौंपी है रिपोर्ट,अब तक कोई कार्यवाही नहीं
मिली जानकारी के अनुसार लेखपाल ने रिपोर्ट के साथ 1425 से 1430 फ़सली की कंप्यूटरकृत खतौनियों व अन्य संबंधित नक्शों की प्रतियां संलग्न कर प्रशासन को कार्यवाही हेतु सौंपी हैं
Chandauli news : ग्रामीणों ने की कार्यवाही की मांग
बातचीत में ग्रामीणों का कहना है की यह आख्या वर्ष 2021 में ही लगाई गई है मगर इस पर कोई भी ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है. उन्होंने मामले को लेकर तहसील प्रशासन और उपजिलाधिकारी से जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने व वैधानिक कार्यवाही की मांग की है.