Chandauli News: सकलडीहा थाना(Sakaldiha) क्षेत्र में खनन अधिकारी पर दर्ज गंभीर धाराओं के बावजूद निलंबन नहीं होना अब सवालों के घेरे में है। इसी को लेकर सकलडीहा कैंप कार्यालय पर युवा संघर्ष मोर्चा की एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें संयोजक व सिविल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शैलेंद्र पांडे एडवोकेट ने साफ कहा — अब ये मामला मुख्यमंत्री तक जाएगा।
शैलेंद्र पांडे ने कहा कि —
“जब किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप में FIR दर्ज होती है, तो सामान्यतः उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। लेकिन चंदौली के खनन अधिकारी के मामले में यह लागू नहीं किया गया। क्या यह न्याय है?”

सकलडीहा थाने में दर्ज है मुकदमा
सकलडीहा थाने में अपराध संख्या 99/2025 के तहत धारा 115(2), 308(2), और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 7/8 में मुकदमा दर्ज है, बावजूद इसके खनन अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया। उल्टे उन्हें उसी पद पर बने रहने दिया गया। यही नहीं, हाल ही में उन पर फिर एक नया गंभीर आरोप सामने आया है, जो यह सिद्ध करता है कि विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है।
शैलेंद्र पांडे ने तीखा हमला करते हुए कहा —
“खनन विभाग अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। अधिकारी सरकार के राजस्व को नुक़सान पहुंचाने में लगे हैं और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर राजस्व की हानि होती रही, तो अंततः आम जनमानस को मिलने वाली सुविधाएं और योजनाएं प्रभावित होंगी।
अब क्या होगा?
युवा संघर्ष मोर्चा ने ऐलान किया है कि इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र के माध्यम से दी जाएगी, ताकि जिम्मेदार अधिकारी पर उचित कार्रवाई हो सके और जनता का विश्वास प्रशासन पर बना रह सके।
सवाल अब जनता भी पूछ रही है
क्या खनन अधिकारी को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?
भ्रष्टाचार के आरोप के बावजूद निलंबन क्यों नहीं?
क्या कानून सबके लिए बराबर नहीं?
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