Ghazipur news: मनिहारी फर्जी निस्तारण करना सचिव को पड़ाभारी एसडीएम ने दिया जांच का आदेश

Published on -



प्रधान व सचिव पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई

गाजीपुर। मनिहारी विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत चकमहताब गांव निवासी एक महिला ने आवास के लिए कई बार प्रधान और सचिव से गुहार लगाई लेकिन किसी ने नहीं सुना। तब थक हार कर पीड़ित महिला रजौती पत्नी शिवचंद ने आवास के लिए मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। जिसका संदर्भ संख्या 40019525006332 हैं। तब एडीओ पंचायत के आदेश पर ग्राम विकास अधिकारी प्रमोद कुमार ने शिकायतकर्ता से बिना संपर्क किए ग्राम प्रधान अखिलेश कुमार शांत और रोजगार सेवक बृजेश कुमार के गवाही पर न जाने कहां से एक फर्जी महिला की तस्वीर लगाकर अपात्र घोषित करते हुए फर्जी निस्तारण कर दिया। सचिव प्रमोद कुमार पूरी तरह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है। पीड़ित महिला ने खण्ड विकास अधिकारी अरविंद यादव से जब फर्जी निस्तारण की शिकायत की तो बीडीओ अरविंद यादव ने मौके पर जाकर निरीक्षण कर दोषियों पर कार्रवाई करने का हवाला देते रहे। भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम प्रधान व सचिव के दबाव में बीडीओ भी बेबस नजर आए। बीडीओ द्वारा कई दिनों तक महिला को गुमराह रखा गया ताकि पीड़ित महिला आवास से वंचित हो जाए। केवल आश्वासन मिलता रहा की आज जाऊंगा कल आऊंगा परसों आऊंगा मीटिंग में हूं यही बातें करते हुए टाल देते थे।  प्रार्थी का फोन भी नहीं उठाते हैं बीडीओ कही न कही दोषियों को दे रहे संरक्षण। इसके बाद पीड़ित महिला रजौती देवी ने जखनिया एसडीएम से गुहार लगाई और फर्जी निस्तारण की जांच करके सभी दोषियों पर उचित कार्रवाई की मांग की पीड़िता ने बताया कि अगर दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री दरबार भी जा सकती हूं। प्रार्थी ने बताया कि खण्ड विकास अधिकारी मनिहारी को जिले के आलाधिकारियों का भी कोई डर नहीं है। मालूम हो कि प्रार्थी ने जिला परियोजना निदेशक राजेश यादव से अपनी पीड़ा बताई तो उनके द्वारा बीडीओ मनिहारी अरविंद यादव को आदेश दिया गया था। लेकिन बीडीओ भी किसी अधिकारी से कम कहां, पीड़ित महिला की एक न सुनी। आवास सर्वे का पोर्टल भी बंद हो गया। आखिर विभाग किसके ऊपर कार्रवाई करेगा आवासधारी ने बताया कि इन भ्रष्टाचारियों ने ग्राम पंचायत में जमकर लूटपाट मचाया है सूत्रों के मुताबिक प्रधान अखिलेश कुमार शांत ने पिछले आवास में कई अवसाधारियों से 5 से 15 हजार रुपए वसूल किया है। इतना ही नहीं अमृत सरोवर के नाम पर घोटाला, हैंड पंप रिबोर में भारी घोटाला, पंचायत भवन में घोटाला, ऐसे कई तमाम आरोप लग रहे हैं। आखिर विभाग की नजरे इस ग्राम पंचायत पर क्यों नहीं पड़ती है।


सचिव द्वारा IGRS पोर्टल पर फर्जी निस्तारण कुछ इस प्रकार हैं


केस 1– रजौती पत्नी शिवचंद ने आवास के लिए IGRS पोर्टल पर शिकायत का फर्जी निस्तारण


केस 2– अवदर गांव के प्राथमिक विद्यालय में बना दिव्यांग शौचालय की शिकायत पर फर्जी निस्तारण



वर्जन– आवास के संबंध में फर्जी निस्तारण करने की शिकायत मिली है। जांच के लिए बीडीओ मनिहारी को निर्देशित किया गया है– रवीश गुप्ता एसडीएम जखनिया

About the Author
For Feedback - feedback@vckhabar.in

Leave a Comment