
गाजीपुर जनपद के भांवरकोल विकासखण्ड के ग्राम पंचायत भदौरा में नापी को लेकर ग्राम प्रधान और लेखपाल आमने-सामने। भांवरकोल के मनिया क्षेत्र के लेखपाल दिपक यादव और भदौरा ग्राम सभा के ग्राम प्रधान बिट्टू सिंह कुशवाहा के बीच सरकारी ज़मीन को लेकर गंभीर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
लेखपाल द्वारा ग्राम प्रधान व उनके पिता पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिससे गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब लेखपाल दीपक यादव ने ग्राम प्रधान बिट्टू सिंह कुशवाहा और उनके पिता नंद बिहारी कुशवाहा के खिलाफ भांवरकोल थाना पर शिकायत दर्ज कराई।
लेखपाल दीपक यादव ने आरोप लगाया है कि 14 जून को समाधान दिवस के उपरांत वे एक शिकायत (संख्या 40019525015566) की जांच करने के लिए ग्राम भदौरा पहुंचे थे। शिकायतकर्ता अखिलेश कुशवाहा ने ग्राम की आराजी संख्या 139ग (क्षेत्रफल 0.172 हेक्टेयर) पर किए गए अतिक्रमण को लेकर आपत्ति जताई थी।
लेखपाल के आरोपों के अनुसार, जब वह सरकारी भूमि की पैमाइश कर रहे थे, उसी दौरान ग्राम प्रधान और उनके पिता मौके पर पहुंचे और उन्हें काम करने से जबरन रोकने लगे।
लेखपाल का कहना है कि प्रधान ने उन्हें अपशब्द कहे, जान से मारने की धमकी दी और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई। इतना ही नहीं, उन्होंने धमकाते हुए कहा कि “तुमको नौकरी नहीं करने दूंगा, तुमको फसाऊंगा, बिना पूछे मेरे गांव में मत आना।”
लेखपाल की तहरीर पर पुलिस ने मामला गंभीरता से लेते हुए तत्काल बिट्टू सिंह कुशवाहा और उनके पिता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 121(1), 352, 351(3) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
भांवरकोल थानाध्यक्ष संतोष कुमार राय ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी विवेचना की जा रही है। सच्चाई सामने आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
भदौरा ग्राम प्रधान बिट्टू सिंह कुशवाहा ने भी लगाए गंभीर आरोप…..
ग्राम प्रधान बिट्टू सिंह कुशवाहा ने भी पलटवार करते हुए लेखपाल दीपक यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लेखपाल के साथ कोई अभद्रता नहीं की गई और लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
प्रधान का आरोप है कि लेखपाल सरकारी जमीनों पर कागज़ों में हेराफेरी कर कब्जा करवा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लेखपाल फर्जी आय प्रमाण पत्र जारी करते हैं और दबाव बनाकर लोगों को लाभ पहुंचाते हैं।
ग्राम प्रधान ने बताया कि इस संबंध में वह जिले के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी और सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
स्थानीय ग्रामीणों में फैली हलचल….
इस पूरे प्रकरण से ग्राम भदौरा में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है। कुछ ग्रामीण ग्राम प्रधान के पक्ष में हैं तो कुछ लोग लेखपाल के पक्ष में हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निष्पक्ष जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लोगों ने बताया कि लेखपाल दीपक यादव की ग्राम प्रधान बिट्टू सिंह कुशवाहा से नहीं बनती है।
अब यह देखना होगा कि पुलिस की विवेचना में कौन दोषी निकलता है,जनप्रतिनिधि या राजस्व विभाग का कर्मचारी।
लेकिन इतना तय है कि यह मामला सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच नहीं, बल्कि सरकारी कार्यों में पारदर्शिता, ज़मीनों के संरक्षण और जनता के हितों से जुड़ा है, जिसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।