Ghazipur news: परीक्षा परिणामों में अनियमितता: पीजी कॉलेज के छात्रों की मांग पर विश्वविद्यालय ने दिया दखल, समाधान हेतु निर्देश जारी

On: Tuesday, August 5, 2025 8:40 PM



गाजीपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने गाजीपुर स्थित पीजी कॉलेज के बी.एससी. चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षा परिणामों में अनियमितताओं के कारण उपजे छात्रों के आक्रोश पर तत्काल कार्रवाई की है। छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक, डॉ. विनोद कुमार सिंह ने पीजी कॉलेज के प्राचार्य को एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है।
यह कार्रवाई तब हुई जब छात्रसंघ प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से कुलपति को ज्ञापन सौंपकर परिणामों में ‘अनुपस्थित’ दर्शाए जाने और अनुत्तीर्ण किए जाने की शिकायत की थी, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने मामले का संज्ञान लिया।
परीक्षा नियंत्रक के साथ हुई बैठक में छात्रसंघ प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय व पूर्व छात्रसंघ महामंत्री सुधांशु तिवारी मौजूद थे। इस बैठक में छात्रों की समस्याओं पर गंभीरता से चर्चा हुई और उनके त्वरित समाधान की मांग की गई।
पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने अपना बयान देते हुए कहा, “हमने परीक्षा नियंत्रक महोदय से अनुरोध किया है छात्रों के रिजल्ट में हुई त्रुटि को तत्काल ठीक कराया जाए और अनुत्तीर्ण किये गए छात्रों कि कापी का पुनः मूल्यांकन कराया जाए तथा छात्रों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर विश्वविद्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें। आप ऐसा नोटिस महाविद्यालय को जारी करें, जिससे महाविद्यालय स्वयं विश्वविद्यालय से संपर्क कर छात्रों की समस्याओं का निस्तारण कराये।”
श्री उपाध्याय की मांग के अनुरूप, परीक्षा नियंत्रक ने नोटिस जारी किया है, जिसमें महाविद्यालय को परीक्षा दिए हुए छात्र जिनका रिजल्ट में अनुपस्थित दिखा रहा है उन छात्रों की रिजल्ट सहित पूरी जानकारी (P 6, P 7 के साथ) एक सप्ताह के भीतर विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त, छात्रों को 100/- रुपये प्रति प्रश्नपत्र की दर से स्क्रूटनी के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है।
परीक्षा नियंत्रक ने महाविद्यालय से कहा है कि वह छात्रों की समस्याओं को एक विशेष वाहक के माध्यम से विश्वविद्यालय तक पहुंचाए ताकि उनका त्वरित समाधान हो सके। इस कदम से हजारों छात्रों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है और परीक्षा नियंत्रक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विश्वविद्यालय छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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