Ghazipur news: भांवरकोल मुड़ेरा बुजुर्ग का होनहार बेटा अमित खरवार बना प्रेरणा स्रोत,कौशल्या विश्वविद्यालय, गांधीनगर से स्टील टेक्नोलॉजी में स्नातक उपाधि प्राप्त कर गाजीपुर का बढ़ाया मान

On: Thursday, October 9, 2025 9:36 PM



संवाददाता – अभिषेक राय, गाजीपुर।
गाजीपुर जनपद के भांवरकोल क्षेत्र के छोटे से गांव मुड़ेरा बुजुर्ग के निवासी अमित रामाकांत खरवार ने अपनी लगन, मेहनत और तकनीकी दक्षता से एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने गुजरात के गांधीनगर स्थित कौशल्या विश्वविद्यालय (Kaushalya University) से स्टील टेक्नोलॉजी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
यह उपाधि उन्हें बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 को Kaushalya Vardhan Academy, Gujarat Law University Campus में आयोजित भव्य दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. एस. पी. सिंह द्वारा प्रदान की गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षाविद, उद्योग प्रतिनिधि और कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।




🎓 संघर्षों से सफलता तक: अमित की प्रेरणादायक यात्रा

अमित का जीवन कठिन परिस्थितियों में भी हौसले और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक रहा है। वे एक साधारण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आते हैं। उनके पिता रामाकांत खरवार, जिनके सीमित संसाधन थे, ने बेटे की शिक्षा में कभी कमी नहीं आने दी।
अमित ने अपने परिश्रम और लगन से स्टील टेक्नोलॉजी जैसे चुनौतीपूर्ण विषय में स्नातक की उपाधि अर्जित कर दिखाया कि सच्ची मेहनत और निष्ठा से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है।




🌟 गांव में खुशी की लहर, युवाओं में उमंग

अमित की इस सफलता की खबर मिलते ही पूरे मुड़ेरा बुजुर्ग गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर हर्ष व्यक्त किया। क्षेत्र के युवाओं ने अमित को “गांव का गौरव” बताते हुए कहा कि उनकी मेहनत ने यह साबित किया है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो संसाधनों की कमी भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती।




💬 अमित ने कहा – ‘मेहनत और शिक्षा ही असली पूंजी है’

अपनी उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित खरवार ने कहा,

> “यह सफलता मेरे माता-पिता के आशीर्वाद, गुरुजनों के मार्गदर्शन और मेरी निरंतर मेहनत का परिणाम है। मैं चाहता हूँ कि मेरे गांव के बच्चे भी शिक्षा के महत्व को समझें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए हिम्मत दिखाएँ।”
उन्होंने आगे बताया कि वे भविष्य में भारत के औद्योगिक और तकनीकी विकास में योगदान देना चाहते हैं और अपने ज्ञान को समाज निर्माण में उपयोग करेंगे।

पूर्वांचल का बढ़ा मान, बनी नई प्रेरणा

अमित की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और गांव के लिए, बल्कि पूरे गाजीपुर जनपद और पूर्वांचल क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गई है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि “हौसले बुलंद हों तो सीमाएं मायने नहीं रखतीं।”
मुड़ेरा बुजुर्ग गांव का यह बेटा अब उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है, जो कठिन परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं।

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