रिपोर्ट अभिषेक राय

गाजीपुर/ भांवरकोल विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुड़ेरा बुजुर्ग में रविवार की रात एक ऐसी घटना घटित हुई जिसने गांव की राजनीति में फिर से हलचल मचा दी। यहां कुछ अराजक और शरारती तत्वों ने ग्राम पंचायत में लगाई गई सार्वजनिक कुर्सी को तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार, यह वही कुर्सी थी जिसे ब्लॉक प्रमुख श्रद्धा राय ने पंचायत को प्रदान किया था। बताया जा रहा है कि कुर्सी को सपा नेता की दुकान के सामने लगाया गया था, जिसके बाद स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया था।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि कुर्सी को जानबूझकर उस स्थान पर लगाया गया जहां से सपा समर्थक नेताओं को राजनीतिक लाभ मिल सके। उनका यह भी आरोप था कि कुर्सी को ग्राम पंचायत के किसी तटस्थ स्थल पर लगाया जाना चाहिए था, जिससे सभी ग्रामीणों को समान रूप से सुविधा मिल सके।
राजनीतिक मतभेद बढ़ने के बावजूद किसी समाधान तक बात नहीं पहुंच सकी। सूत्रों के अनुसार, भाजपा कार्यकर्ताओं ने यह मामला अपने वरिष्ठ नेताओं तक भी उठाया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। रविवार की शाम तक कुर्सी सही सलामत थी, किंतु सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने उसे टूटी हालत में सड़क किनारे पड़ा देखा।
ग्रामीणों ने घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि यह कार्य राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित लगता है। ग्रामीणों का कहना है कि, कुर्सी जनता की सुविधा के लिए लगाई गई थी, इसे तोड़ना गलत है। इससे न केवल पंचायत की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, बल्कि क्षेत्र की एकता भी प्रभावित हुई है।
कुर्सी लगवाने वाले स्थानीय भाजपा नेता को लेकर भी लोगों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ ग्रामीणों ने कहा कि जब विरोध हो रहा था तो कुर्सी को सभी दुकानदारों के बीच या तटस्थ स्थान पर लगाना चाहिए था, ताकि किसी को भेदभाव का एहसास न हो।
वहीं अन्य ग्रामीणों ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को जनता की सुविधाओं से नहीं जोड़ना चाहिए।
फिलहाल, यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत के स्तर पर छोटी-छोटी राजनीतिक खींचतान गांव की सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर रही है।






