
गाजीपुर। करंडा विकासखंड के सुआपुर ग्राम सभा में मनरेगा योजना के नाम पर खुला लूट-खसोट का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा।
योगी राज में जीरो टारलेंस, पारदर्शिता के दावे फेल, बीडीओ और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से मनरेगा में फर्जीवाड़ा निर्भीकता से जारी है।
जानकारी के मुताबिक, 11 नवंबर को मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद जब गौशाला के बगल में पोखरी खुदाई में जेसीबी मशीन से काम और मजदूरों की फर्जी हाजिरी का मामला सामने आया , तो बीडीओ करंडा ने दिखावे के लिए मास्टर रोल जीरो करने का आश्वासन दिया। जुलाई माह उसी गौशाला के बगल में पोखरी की खुदाई जेसीबी मशीन से करते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया था फिर आनन फानन में बीडीओ द्वारा मास्टरों जीरो किया गया था। लेकिन भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी है कि 12 नवंबर को दोपहर तीन बजे फिर उसी कार्य पर और अन्य कार्यों पर कुल 91मजदूरों की फर्जी ऑनलाइन हाजिरी लगा दी गई। लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार का सारा खेल बीडीओ और ग्राम प्रधान की सांठगांठ से चल रहा है।
मजदूरों के नाम पर जेसीबी से खुदाई, और भुगतान के लिए फर्जी उपस्थिति दर्ज कर सरकारी धन की बंदरबांट की जा रही है। यही नहीं विश्वसनीय सूत्रों बताते हैं कि मौनी बाबा धाम के पास स्थित पोखरी की खुदाई और सफाई कार्य भी मजदूरों से नहीं, बल्कि जेसीबी मशीनों से कराया गया, जबकि कागजों में करीब तीस मजदूरों की उपस्थिति दिखाकर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। यही नहीं राहुल के घर से पंडित के घर तक नाली निर्माण कार्य में करीब तीस मजदूरों की आनलाईन हाजिरी लगाई जा रही है जबकि धरातल पर एक भी मजदूर काम नहीं कर रहे हैं।
लोगों ने शासन से मांग की है कि इस पूरे घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी बीडीओ, ग्राम प्रधान और सम्बंधित अधिकारियों कठोर कार्रवाई की जाए। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी करंडा के सीयूजी नंबर पर लागातार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया वहीं डीसी मनरेगा विजय यादव ने बताया कि मामला गंभीर लग रहा है मेरे द्वारा स्वयं सोमवार को निरीक्षण कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।






