Ghazipur news: भांवरकोल मुड़ेरा बुजुर्ग में भारी गहमा गहमी के बीच हुई, विकास कार्यों में अनियमितताओं कि जांच

On: Thursday, February 6, 2025 12:06 AM
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रिपोर्ट अभिषेक राय


गाजीपुर/मुहम्मदाबाद इलाके के भांवरकोल विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मुड़ेरा बुजुर्ग में बुधवार को भारी गहमागहमी के बीच विकास कार्यों में हुई अनियमितताओं की जांच। मालुम हो कि ग्राम पंचायत मुड़ेरा बुजुर्ग में पिछले ढाई वर्षों में कराए गए विभिन्न विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और धांधली के गंभीर आरोप लगाते हुए मुड़ेरा बुजुर्ग निवासी शिकायतकर्ता दुर्गेश राय पुत्र शिवनारायण राय ने जिलाधिकारी आर्यका अखौरी को ज्ञापन देते हुए जांच की मांग की थी।
इन आरोपों के बाद जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने मामले की जांच का आदेश हुआ था।

15 जुन 2024 के शिकायती पत्र को संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक जांच में जिलापुर्ति अधिकारी ने पत्रांक संख्या 1776 में प्रथम दृष्टया सचिव और ग्राम प्रधान नौशाद अहमद अंसारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शिकायतकर्ता दुर्गेश राय ने टेक्नीशियन जांच की मांग उठाई थी।
09 जुलाई 2025 को शिकायती पत्र संख्या 20019524007962 को संज्ञान लेते हुए टेक्नीशियन जांच हुई। 25 अक्टूबर 2024 को पत्रांक संख्या 1776 के संबंध में शिकायतकर्ता ने ज्ञापन सौंपा की कारण बताओ नोटिस जारी के तीन माह बीत जाने के बाद भी दोषीयो पर कोई प्रबंधन नोटिस जारी नहीं किया गया।

उक्त शिकायती पत्र को जिलाधिकारी महोदया ने संज्ञान लेते हुए  बिंदुवार जांच का आदेश दिया था। जिसमें आज 05 फरवरी 2025 को बिंदुवार जांच के लिए जिलापूर्ति अधिकारी अनंत सिंह अवर अभियंता राजेश यादव ने ग्राम पंचायत मुड़ेरा बुजुर्ग में पहुंचकर गांव में हुए विकास कार्यों की जांच की। जांच के दौरान प्रधान के समर्थकों और शिकायतकर्ता के बीच भारी गहमागहमी देखने को मिली।

जांच के दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत के विभिन्न विकास कार्यों की दस्तावेजी जांच की और संबंधित पत्रावलियों को कब्जे में लिया। जांच अधिकारी ने विभिन्न विकास कार्यों जैसे बालक-बालिका शौचालय, स्ट्रीट लाइट लाइट, पंचायत भवन का मरम्मत, मार्ग कायाकल्प, कंप्यूटर रखरखाव, मिट्टी कार्य, आदि का मौके पर भौतिक सत्यापन शुरू किया।

शिकायतकर्ता दुर्गेश राय बोले…….
शिकायतकर्ता दुर्गेश राय से जांच के विषय में जब पुछा गया तो उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस की बात तो करती है। लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं दिखाई देता।
सरकारी योजनाओं के पैसों का बंदरबांट की वजह से गांव के विकास में रुकावट पैदा होती है। उन्होंने कहा कि लगभग दस महिने हो गया लेकिन जांच अभी तक पुरी नहीं हो सकी। ग्राम पंचायत चुनाव भी नजदीक आ चुका है जांच में इसी प्रकार टाल मटोल होता रहा तो हम हाईकोर्ट का रुख करेंगे और आगामी जांच में जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी महोदय से निवेदन करेंगे की मामले की जांच स्वयं आप दोनों की उपस्थिति में कराई जाएं।

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