सेना में तैनात जवान की ज़मीन पर कब्जे की कोशिश, दबंगों की धमकी के बावजूद FIR दर्ज नहीं — गाजीपुर प्रशासन मौन

On: Saturday, June 21, 2025 2:52 PM
सेना में तैनात जवान की ज़मीन पर कब्जे की कोशिश, दबंगों की धमकी के बावजूद FIR दर्ज नहीं
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सीमा पर तैनात जवान की पुश्तैनी ज़मीन पर दबंगों का कब्जे का प्रयास, — गाजीपुर प्रशासन पर सवाल

गाजीपुर: कासिमाबाद के सराय मुबारक गांव में गंभीर भूमि विवाद

गाजीपुर जिले के सराय मुबारक गांव (कासिमाबाद थाना क्षेत्र) से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां सीआरपीएफ जवान विष्णुकान्त तिवारी, जो इस समय कश्मीर में देश की सेवा कर रहे हैं, उनकी पुश्तैनी ज़मीन पर दबंगों द्वारा कब्जे की कोशिश की जा रही है।

पत्थर और मेढ़बंदी उखाड़े गए, दी गई धमकियां

जवान ने गाटा संख्या 452, रकबा 0.6880 हेक्टेयर पर प्रशासनिक निगरानी में पक्की पैमाइश और पत्थर नसब कराए थे। लेकिन गांव के ही कुछ दबंग — सामशेर राम, रविन्द्र, अनिल और संजय राम — ने न केवल मेढ़बंदी तोड़ दी, बल्कि लगाए गए पत्थरों को भी उखाड़ फेंका।

परिजनों को दी गई जान से मारने की धमकी

बताया जा रहा है की जब जवान के परिजनों ने इसका विरोध किया तो अभयनाथ तिवारी, अमित तिवारी और शिवमूरत तिवारी ने उन्हें धमकी दी कि “न जमीन पर कब्जा करने देंगे, न नौकरी करने देंगे और फर्जी SC/ST का केस ठोक देंगे“।

प्रशासनिक शिकायतों के बावजूद FIR दर्ज नहीं

इस गंभीर मामले की शिकायत जवान द्वारा 13 जून 2025</strong को जिलाधिकारी अविनाश कुमार</strong और पुलिस अधीक्षक</strong को दी गई। सदर SDM मनोज पाठक ने कासिमाबाद कोतवाल</strong को FIR दर्ज करने के निर्देश भी दिए, लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।

एसडीएम ने कॉल रिसीव नहीं किया

हैरानी कि बात तो यह है कि SDM के CUG नंबर 9454417075 पर दो बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव करना उचित नहीं समझा। यह प्रशासनिक उदासीनता का बड़ा उदाहरण है।

जवान का बयान: “अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो घटना की ज़िम्मेदारी प्रशासन की”

जवान विष्णुकान्त तिवारी ने कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो यह विवाद किसी बड़ी घटना में बदल सकता है और इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी

देश सेवा कर रहे जवान के साथ अन्याय — क्या यही है न्याय?

यह मामला न सिर्फ एक जवान के साथ हो रहे अन्याय को उजागर करता है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और न्यायिक व्यवस्था की खामियों को भी सामने लाता है। देश के लिए दिन-रात सीमा पर तैनात जवान अगर अपनी जमीन के लिए भी सुरक्षित नहीं है, तो यह समाज के लिए गंभीर संकेत है।

गाजीपुर से जुड़ी और खबरें पढ़ने के लिए यहां देखें: गाजीपुर न्यूज़

 

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